बचें में संभलकर चलाएं वाहन
जब आप सुबह के समय अपने लाडले को स्कूल छोड़ने के लिए सर्दी के मौसम में घर से निकलते हैं तो कोहरे से जरूर सामना होता होगा। धूंध की तरह दिखने वाला यह कोहरा जब कोहराम मचाता है तो न जाने कितने लोगों के हंसते-खेलते परिवार में पल भर में भीतर मातम छा जाता है। इस लिए जरूरी है कि हर कोई इस तरह को कोहरे के कोहराम से बचे। इसके लिए बहुत कुछ नहीं करना होगा। बस करनी होगी तो अपने वाहन की सही समय पर देखभाल।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जब सुबह के समय आप अपने लाडले को स्कूल छोड़ने के लिए सर्दी के मौसम में घर से निकलते हैं तो कोहरे से जरूर सामना होता होगा। धुंध की तरह दिखने वाला यह कोहरा जब कोहराम मचाता है तो न जाने कितने परिवारों की खुशियां छीन लेता है। इसलिए जरूरी है कि हर कोई इस तरह के कोहरे के कोहराम से बचे। इसके लिए बहुत कुछ नहीं करना होगा। बस अपने वाहन की सही समय पर देखभाल करने के साथ ही सर्दी में छोटे-छोटे उपकरण लगवाकर अगर आप वाहन से चलते हैं तो आप के साथ ही सामने वाला व्यक्ति भी सुरक्षित होता है।
यातायात से जुड़े जानकारों की मानें तो किसी भी चारपहिया में लगने वाला फॉग लैंप छोटी यात्राओं में काफी काम आता है। वाहन पर आगे पीले रंग की लगी दो बत्तियां कोहरे को चीरने और वाहन को सुगमता के साथ आगे बढ़ाने में मदद करती हैं। इसी तरह बीम लाइट जो वाहनों में सबसे ऊपर लगती है। रात के समय चलने में यह लाइट इतनी मददगार होती है कि घने से घने कोहरे के बीच से भी चालक वाहन को लेकर बड़े ही आराम से निकल जाता है। इससे सामने से आने वाला वाहन चालक भी दूर से ही देख लेता है कि कोई वाहन आ रहा है। इसी तरह रेडियम तो दोपहिया, चारपहिया वाहन से लेकर साइकिल में तक अहम होता है। जब रात में इस पर लाइट पड़ती है तो स्वत: ही चालक को पता चल जाता है कि आगे कोई वाहन है। दिन के समय डे-टाइम र¨नग लाइट्स व हर समय इंडीकेटर यानि संकेतक भी कोहरे के कोहराम से बचाने में मददगार होता है।
सस्ते दर पर भी बाजार में उपलब्ध
कोहरे के कोहराम से बचाने के लिए वाहन चालक किसी भी कार पार्लर से ये उपकरण खरीद सकता है। वह भी सस्ते दर पर। राबर्ट्सगंज में कार पार्लर चलाने वाले श्रीकांत पांडेय बताते हैं कि फॉग लैंप पांच सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक और बीम लाइट 1200 से लेकर दस हजार रुपये तक के रेंज में अलग-अलग कंपनियों की उपलब्ध है। रेडियम तो महज पचास या सौ रुपये का आता है। श्रीकांत कहते हैं कि कोहरे से बचने के लिए कुछ वाहन चालक सफेद रंग की बीम लाइट या फॉग लाइट लगाते हैं। जो गलत है। पीले रंग वाली लाइट ज्यादा बेहतर होती है। इससे सामने वाले वाहन चालक की आंख भी नहीं चौधियाती है। हर पांचवें दिन एक की ¨जदगी लील जाता है कोहरा
जोड़े के मौसम में हर साल घना कोहरा काल बनकर आता है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हर साल कोहराम मचाता है। औसतन 50 से अधिक दुर्घटनाएं कोहरे की वजह से होती हैं। इनमें से करीब 20 लोगों की तो मौत हो ही जाती है। बाकी में से कुछ इस तरह से जख्मी हो जाते हैं कि दवा इलाज कराने में वे और उनका परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो जाता है।
कोहरे का असर नवंबर से लेकर जनवरी माह तक रहता है। जहां ब्रेक नहीं लगता वहीं पर हादसा होता है। 15 दिसंबर से लेकर 15 जनवरी के मध्य तो इतना घना कोहरा पड़ता है कि सोनांचल की सड़कों पर सूर्य के पहरे में भी 20 मीटर की दूरी पर कुछ नहीं दिखता। गतवर्ष तीन महीने के भीतर कुल 50 से अधिक छोड़े बड़े हादसे हुए। इसमें से 20 लोगों की तो मौत हो गई। बात करें अगर 15 दिसंबर से 15 जनवरी के मध्य की तो इस बीच ज्यादा हादसे हुए।
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कोहरे के कारण हुए बड़े हादसे
2 दिसंबर 2017 : राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बगही गांव के समीप कोहरे के कारण बाइक सवार शिक्षक महेंद्र तिवारी को ट्रक ने कुचल दिया। इससे उनकी मौत हो गई।
5 दिसंबर 2017 : ¨वढमगंज थाना क्षेत्र के सलैयाडीह निवासी लालमन पनिका अपने भांजे छोटू के साथ बाइक से दुद्धी जा रहे थे। जोरूखाड़ के पास कोहरे के कारण तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया। इससे दोनों की मौत हो गई।
11 दिसंबर 2017 : पन्नूगंज थाना क्षेत्र के बेलखुरी मोड़ के समीप बाइक सवार दो युवक जो चंदौली के चकरघट्टा के रहने वाले थे। कोहरे के कारण आगे खड़े ट्रैक्टर-ट्राली से टकराकर गिर गए। इसमें एक की मौत हो गई थी।
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यातायात पुलिस की सलाह
सर्दी के मौसम में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर की वजह कोहरा होता है। वाहन चालक अगर यातायात नियमों का पालन करते हुए बीम लाइट, फॉग लाइट, इंडीकेटर आदि का सही इस्तेमाल करे तो दुर्घटनाएं कम होंगी। साथ ही सबसे बड़ी जो चीज है कि वाहन को निर्धारित गति सीमा के भीतर ही चलाएं। सर्दी के मौसम में जब वाहन तेज चलते हैं तो उनका ब्रेक भी कम लगता है। रेडियम आदि न लगाने से भी दुर्घटना होने का मौका अधिक होता है। इसलिए यातायात नियमों का पालन करते हुए कोहरे के कोहराम से बचें।
- ज्ञान प्रकाश राय, सीओ-ट्रैफिक। जिले में कुल थाने : 22
ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित स्थल : 10
कोहरे के कारण हर महीने औसत दुर्घटना : 18
बीते साल हुई कुल सड़क दुर्घटना : 336
बीते साल सड़क हादसे में घायल : 280
बीते साल सड़क हादसे में मौत : 206
इस साल सड़क हादसा : 284
इस साल सड़क हादसे में घायल : 169
इस साल सड़क हादसे में मौत : 180
वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग प्रतिदिन गुजरने वाले वाहन : 1200