चिकित्सक की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत
जागरण संवाददाता सोनभद्र जिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से शनिवार की देर शाम चिकित्सकों की लापरवाही से जच्चा व बच्चा की मौत हो गई। अपर जिलाधिकारी की जांच में चिकित्सकों की लापरवाही उजागर हुई। खून की कमी के बावजूद प्रसव पीड़ित महिला को खून नहीं चढ़ाया गया जिसे मौत होने की वजह बताई जा रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से शनिवार की देर शाम चिकित्सकों की लापरवाही से जच्चा व बच्चा की मौत हो गई। अपर जिलाधिकारी की जांच में चिकित्सकों की लापरवाही उजागर हुई। खून की कमी के बावजूद प्रसव पीड़ित महिला को खून नहीं चढ़ाया गया, जिसे मौत होने की वजह बताई जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से लेने पर चिकित्सकों में हलचल मच गई है।
घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव में ब्याही सलमा (25) पत्नी सेराज गर्भवती थी। इस दौरान वह अपने मायके रायपुर थाना क्षेत्र के पड़री गांव में रह रही थी। उसे शनिवार की सुबह प्रसव पीड़ा तेज होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ लेकिन, बच्चे की हालत गंभीर होता देख चिकित्सकों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में दिखाने की सलाह दे दी। परिजन बच्चे को लेकर प्राइवेट अस्पताल में दिखाने चले गए, जब तक वह जिला अस्पताल लौटते शनिवार की देर शाम सलमा की मौत हो गई। इसी के कुछ देर बाद उसके नवजात ने भी दम तोड़ दिया। मां-बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया और अफरा-तफरी मच गई। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद बदहाल परिजन जिला अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की लेकिन, जिला अस्पताल प्रशासन उनको शव वाहन भी देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद परिजन निजी वाहन से जच्चा-बच्चा के शव को घर ले गए। प्रसव के बाद जच्चा व बच्चा की मौत को रविवार को जिला प्रशासन ने गंभीरता से ले लिया।
जिलाधिकारी एस राजलिगम के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह रविवार को जांच के लिए अस्पताल पहुंचे। उन्होंने ड्यूटी में तैनात नर्स का बयान लिया। उसने बताया कि महिला में खून की कमी थी लेकिन, उसे खून नहीं चढ़ाया गया। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जांच में चिकित्सक की लापरवाही उजागर हुई है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। मृतका की मां तीजन ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों जिला अस्पताल में सही थे। बेटी ने पूछा कि बच्चा कैसा है और बातचीत भी की। इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि बच्चे का स्वास्थ्य थोड़ा खराब है। आप कहीं प्राइवेट अस्पताल में दिखा दीजिए। बच्चे को लेकर हम लोग प्राइवेट अस्पताल में चले गए, जब तक हम लोग वापस आए तब तक बेटी की मौत हो चुकी थी। इसके साथ ही बच्चे की भी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की गई लेकिन वह भी नहीं मिला।