विकसित होगा बाजार, समृद्ध होंगे किसान
ग्रामीण किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए कोटा ग्राम पंचायत के परासपानी में ग्रामीण हाट बाजार का निर्माण कराया जा रहा है। इससे खेत-खलिहान में उत्पादित सामानों के खरीद-बिक्री किसान हर मौसम में कर सकेंगे। सड़क किनारे इधर-उधर लगने वाले साप्ताहिक बाजार से किसानों को मुक्ति मिलेगी। चोपन विकास खंड का कोटा ग्राम पंचायत स
जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र) : ग्रामीण किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए कोटा ग्राम पंचायत के परासपानी में ग्रामीण बाजार का निर्माण कराया जा रहा है। इससे खेत-खलिहान में उत्पादित सामानों के खरीद-बिक्री किसान हर मौसम में कर सकेंगे। सड़क किनारे इधर-उधर लगने वाले साप्ताहिक बाजार से किसानों को मुक्ति मिलेगी।
चोपन विकास खंड का कोटा ग्राम पंचायत सर्वाधिक पहाड़ी क्षेत्रफल वाला है। यहां के पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को बरसात के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खेत में उत्पादित सामानों को बेचने के लिए किसानों को दूर-दराज के बाजारों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में बरसात के दिनों में किसान अपने सामानों को दूर स्थित बाजारों में नहीं ले जा पा रहे थे। इससे उत्पादित सामान धरा का धरा रह जाता था। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कोटा ग्राम पंचायत के परासपानी में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग के किनारे 1050 वर्ग मीटर कि एरिया में भव्य ग्रामीण हाट बाजार का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। 15.76 लाख कि लागत से बन रहे बाजार चार बड़े शेड वाला होगा। इसमें 180 वर्ग मीटर का एक सबसे बड़ा शेड होगा। दूसरा शेड 90 वर्ग मीटर, तीसरा व चौथा शेड 72-72 वर्ग मीटर का होगा। चारो शेड पक्का चबूतरा युक्त होगा। सुरक्षा की ²ष्टि से बाजार के चारों तरफ बाऊंड्रीवाल का निर्माण होगा। इसपर कंटीले तार से सुरक्षित किया जाएगा। पहले इस क्षेत्र के ग्रामीण मार्ग के किनारे जहां तहां बैठकर केवल मंगलवार को ही साप्ताहिक बाजार पर निर्भर रहा करते थे। ग्रामीण बाजार के बन जाने के बाद यहां के किसानों को नजदीक में ही सामानों की खरीद-बिक्री करने के लिए एक निश्चित बाजार मिल जाएगा, जो हर मौसम में हर दिन बाजार कर सकेंगे।
................... किसान प्रतिदिन लगा सकेंगे बाजार
कोटा के परासपानी में निर्मित हो रहे ग्रामीण बाजार व्यवस्थित बाजार के रूप में विकसित होगा। क्षेत्र में लगने वाला साप्ताहिक बाजार कि जगह लोग प्रतिदिन बाजार लगा सकेंगे। अपने खेतो में उत्पादित सामानों कि बिक्री कर किसान समृद्ध बन सकेंगे। इससे किसानों के जीवन स्तर में काफी बदलाव आएगा।
- प्रदीप पांडेय, बीडीओ चोपन।