हाथियों के उत्पात के आगे शेर की दहाड़ भी पस्त
जागरण संवाददाता बभनी (सोनभद्र) विगत 20 दिनों से उत्पात मचा रहे हाथियों से छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे गांव के रहवासी खौफजदा हैं। प्रशासनिक अमले द्वारा अपनाए जा रहे हथकंडे विफल होते जा रहे हैं। ग्रामीण अब अंयत्र पलायन की योजना बनाने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, बभनी (सोनभद्र) : पिछले 20 दिनों से उत्पात मचा रहे हाथियों से छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे गांव के रहवासी खौफजदा हैं। प्रशासनिक अमले द्वारा अपनाई जा रही तरकीब डीजे पर शेर की दहाड़ की आवाज भी कामयाब नहीं हुई। ग्रामीण अब अंयत्र पलायन की योजना बनाने लगे हैं।
दरअसल, विगत 20 दिनों से छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे रम्पाकुरर, शीशटोला, डुमरहर, बिछियारी, मगरमाड़ आदि गांवों में हाथियों द्वारा उत्पात जारी है। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। वहीं दो लोग हाथियों के हमले से घायल हो चुके हैं। लगभग चार दर्जन से अधिक किसानों की फसल व मकान भी बर्बाद हो चुका है। जिससे चितित ग्रामीण अब अन्यत्र पलायन का मन बना रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग वे पुलिस द्वारा रविवार की रात हाथियों के हमले से राजेंद्र के मौत के बाद डीजे पर शेर की दहाड़ जंगल के आस पास कराया गया लेकिन, उत्पाती हाथियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। मंगलवार की रात हाथियों के झुंड ने शीशटोला गांव में पहुंचकर एक किसान का मकान गिरा दिया। वहीं दो किसानों का फसल चौपट कर दिया। शीशटोला में हाथियों का उत्पात
बभनी के शीशटोला गांव के सरईडाड़ में मंगलवार की रात पहुंचे हाथियों के झुंड से लोगों में दहशत फैल गई। हाथियों ने शिवमंगल का घर गिरा दिया। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम ने हाथियों के झुंड को घर से दूर भगाया। रामसूरत और शिवमंगल के धान के फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। छत्तीसगढ़ सहित बभनी के रम्पाकुरर, भवर, शीशट़ोला, मगरमाड़, नवाटोला, बिछियारी व डुमरहर गांव के लोग दहशत में है। ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
हाथियों के आतंक से पीड़ित ग्रामीण मन्नू सिंह, मान सिंह, नाबालिक सिंह, विमला देवी, लाल साह, मनोहर सहित चार दर्जन पीड़ितों ने बुधवार को वन क्षेत्राधिकारी अवध नारायण मिश्रा को लिखित पत्र देकर क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की है।