खनन विस्फोट से कई क्षेत्र में दहशत
बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र के कुछ खदानों में अत्याधिक क्षमता के खनन विस्फोट से खदानों के सीमावर्ती रिहायशी इलाकों में बेचैनी की स्थिति पैदा हो गयी है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र के कुछ खदानों में अत्याधिक क्षमता के विस्फोट से खदानों के सीमावर्ती इलाकों में बेचैनी की स्थिति पैदा हो गई है। खदानों में हो रहे विस्फोट की तेज आवाज सैकड़ो आवासों में हो रहे कंपन ने हजारों की आबादी को सकते में डाल दिया है। अत्यधिक क्षमता के विस्फोट के कारण कई घरों में दरार बढ़ती जा रही है। शनिवार को करीब डेढ़ बजे हुए कई विस्फोट की आवाज से परियोजना कालोनी के कई सेक्टरों सहित खैरटिया गांव के निवासी बेचैन हो उठे। खासकर सेक्टर नौ, न्यू कालोनी एवं खैरटिया के उत्तरी हिस्सों में विस्फोट को लेकर ज्यादा चर्चा रही। पिछले कुछ माह के दौरान ज्यादातर खदानों की बंदी की वजह से नागरिकों में राहत थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पुन: जोरदार विस्फोट ने पुन: नागरिकों की ¨चता बढ़ा दी है। कई बस्तियां हैं खनन के मुहाने पर
खनन के लिए होते भारी विस्फोट के माहौल में बढ़ती रिहायशी बस्तियों ने खनन नियमों के पुनरीक्षण जैसी स्थिति पैदा कर दी है। आबादी के लगातार बढ़ने के साथ नए रिहायशी बस्तियों के सामने आने से प्रशासन के सामने गंभीर होने की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले कुछ सालों में ओबरा पीजी कालेज के पीछे, सेक्टर-9 से सटे न्यू कालोनी, बिल्ली रेलवे स्टेशन कालोनी, कोठा टोला, बिल्ली चढ़ाई एवं शारदा मंदिर क्षेत्र सहित आधा दर्जन ऐसे क्षेत्रों में आबादी एवं नए आवास बनते जा रहे हैं। जहां से खनन क्षेत्र काफी करीब है। इन रिहायशी इलाकों में सबसे ज्यादा घरों में कंपन की शिकायत हो रही है। इनमें कई बस्ती ऐसी हैं जहां विस्फोट के बाद पत्थरों का उड़ कर घरों तक आना आम बात है। इन बस्तियों के लोगों को विस्फोट के दौरान घरों में दुबकना पड़ता है। जबकि पिछले वर्ष रिहायशी इलाकों के पास मौजूद खदानों के साथ दर्जनों घरों का निरीक्षण कर खान सुरक्षा निदेशालय के निदेशक यूपी ¨सह ने घरों को पहुंच रहे नुकसान पर ¨चता भी जताई थी। अवैध तरीके से भी चल रही हैं मशीनें
खान सुरक्षा निदेशालय द्वारा ओवर बर्डेन हटाने के लिए कुछ खदानों में पोकलेन मशीनों के संचालन की अनुमति देने की खबर है। इन्हें केवल दिन में चलाने की अनुमति है लेकिन वर्तमान में रात के अंधेरे में नियम विरुद्ध मशीने संचालित की जा रही है। ऐसी खदानें जिनमें अनुमति की बात कही जा रही है उनमें भी रात में मशीनें चलाई जा रही हैं। सूत्रों ने बताया कि दर्जन भर से ज्यादा मशीनों का प्रयोग रात के अंधेरे में किया जा रहा है। इस कारण खनन विभाग पर सवाल खड़ा हो रहा है।