परियोजना परिसर की कालोनियों में बढ़ा अतिक्रमण
जासं, अनपरा : अनपरा तापीय परियोजना सहित कई अन्य सरकारी परियोजनाओं की कोलानियों में भी अब अतिक्रमण होने लगा है। तापीय परियोजना परिसर के कई खाली पड़े घरों में कुछ अवैध लोगों ने कब्जा कर रखा है। जिसको लेकर कई बार कालोनी निवासियों ने संबंधित अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऊर्जांचल में अतिक्रमण कर बस्तियां आबाद हो रही है। वन विभाग और विभिन्न परियोजनाओं की जमीन पर अतिक्रमण तो है ही
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : अनपरा तापीय परियोजना सहित कई अन्य सरकारी परियोजनाओं की कालोनियों में भी अब अतिक्रमण होने लगा है। तापीय परियोजना परिसर के कई खाली पड़े घरों में कुछ अवैध लोगों ने कब्जा कर रखा है। जिसको लेकर कई बार कालोनी निवासियों ने संबंधित अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऊर्जांचल में अतिक्रमण कर बस्तियां आबाद हो रही हैं। वन विभाग और विभिन्न परियोजनाओं की जमीन पर अतिक्रमण तो है ही अस्थायी कालोनियों के आवास भी अतिक्रमण से कराह रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि कुछ अस्थायी कालोनियों को गिराने का ठेका भी हो चुका है लेकिन उसे आजतक खाली कराया नहीं जा सका है।
ऊर्जांचल के विभिन्न विभागों व परियोजनाओं की खाली जमीनों पर अवैध अतिक्रमण की होड़ सी मच गई है। अनपरा तापीय परियोजना ही नहीं एनसीएल की बीना, ककरी, खड़िया, दुद्धीचुआ, ¨झगुरदह, जयंत, एनटीपीसी, पीडब्लूडी, साडा, वन विभाग सहित अन्य विभागों की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमण का शिकार हो गई है। जिसे खाली कराना चुनौती भरा है। कब्जा की गई जमीन पर बड़े-बड़े भवन बन चुके हैं। अनपरा तापीय परियोजना प्रबंधन ने पुलिस विभाग से फोर्स की मांग की है। फोर्स मिलते ही सीआइएसएफ के जवानों को साथ लेकर जल्द ही अस्थाई कालोनी के आवासों को खाली कराने की कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। अनपरा तापीय परियोजना के अस्थाई कालोनी के 32 आवासों को गिराया जाना है। कोटा बस्ती शक्तिनगर व अनपरा तापीय परियोजना की जमीन पर एनटीपीसी लिमिटेड की अस्थाई स्टाफ कालोनी का निर्माण किया गया था। अनपरा परियोजना के निर्माण के दौरान बनी इस स्टाफ कालोनी के सभी आवासों के ध्वस्तीकरण का आदेश हो चुका है। कोटा बस्ती शक्तिनगर के सभी आवास गिरा भी दिए गए हैं लेकिन अनपरा के करीब 32 आवासों का ध्वस्तीकरण नहीं हो सका। जबकि एनटीपीसी लिमिटेड के प्रबंधकों द्वारा टेंडर के माध्यम से आवासों को तोड़कर जमीन खाली करने का ठेका कार्य का टेंडर भी हो चुका है।