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योगासन कर बढ़ाएं रोगों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक क्षमता

कामन इंट्रो बचपन और बुढ़ापे में रोग प्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर कुछ कमजोर होती है। खराब जीवनशैली के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है। गर्भवती स्त्री का खानपान ठीक न हो या वह कुपोषण का शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 03:19 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 03:19 PM (IST)
योगासन कर बढ़ाएं रोगों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक क्षमता
योगासन कर बढ़ाएं रोगों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक क्षमता

कामन इंट्रो :

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बचपन और बुढ़ापे में रोग प्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर कुछ कमजोर होती है। खराब जीवनशैली के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है। गर्भवती स्त्री का खानपान ठीक न हो या वह कुपोषण का शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना बनी रहती है। कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना आवश्यक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करें, किन कारणों से कम होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे बता रहें डा. एसएम शुक्ला..

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : व्यायाम की तमाम पद्धतियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की दृष्टि से योगासन, प्राणायाम सबसे अच्छे उपाय हैं। सबेरे नियमित रूप से आधे से एक घंटे योगासन व प्राणायाम करने से शरीर के भीतर हार्मोन संतुलन कायम करने में मदद मिलती है। योगासन, खासतौर से प्राणायाम तनाव दूर करने में काफी मददगार हैं। किसी योग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर अपने अनुकूल योगासनों का चयन करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार जिन्हें समय कम मिल पाता हो, वे 15 मिनट तक रोज सूक्ष्म यौगिक क्रियाएं करें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कई कारण हैं। शरीर में चर्बी का अनावश्यक रूप से जमा होने, वजन बहुत कम होना, फास्टफूड, जंकफूड आदि का ज्यादा सेवन, शरीर को ठीक से पोषण न मिलना, धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन करने, पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने, लंबे समय तक तनाव में रहना, लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर तक सोना, शारीरिक श्रम का अभाव व प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना कारण बन सकता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आहार में एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। विटामिन ए, विटामिन बी दो व बी छह, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन डी व जक रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। इन तत्वों की भरपाई के लिए गाजर, पालक, चुकंदर, टमाटर, फूलगोभी, खुबानी, जौ, भूरे चावल, शकरकंद, संतरा, पपीता, बादाम, दूध, दही, मशरूम, लौकी के बीज, तिल आदि उपयोगी हैं। हरी सब्जियों-फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।

यह भी जरूरी..

- आधे-आधे घंटे पर गुनगुना पानी का सेवन करें।

- भरपूर नींद लें।

- तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें। 

- लॉकडाउन के दौरान घर में कोई न कोई कार्य कर अपने को व्यस्त रखे।

- सूर्य की रोशनी में प्रात: शरीर पर तेल मालिश करें।  

- खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं।

- सर्दियों में सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है।

- सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे सामान्य न समझें और इलाज कराएं।


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