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बच्चों बीमार हुए तो चावल धूप में दिखाने की नसीहत

जागरण संवाददाता बभनी (सोनभद्र) स्थानीय ब्लाक के जिगनहवा गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से मिले चावल को खाने से तीन मासूमों के बीमार होने से हड़कंप मच गया। चावल से उठ रही अजीब गंध की जानकारी आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को देने के बाद बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इस मामले की जांच आपूर्ति निरीक्षक ने की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 06:33 PM (IST)
बच्चों बीमार हुए तो चावल धूप में दिखाने की नसीहत

जासं, बभनी (सोनभद्र) : जिगनहवा गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से मिले चावल को खाने से तीन मासूमों के बीमार होने से हड़कंप मच गया। चावल से आ रही दुर्गध की जानकारी आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को देने के बाद बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इस मामले की जांच आपूर्ति निरीक्षक ने की है।

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जिगनहवा गांव के सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से ग्रामीणों को चावल मिला था।दो तीन परिवार के लोगों ने उक्त चावल को पकाया। इसके खाने से तीन बच्चे बीमार हो गए। इसकी जानकारी मिलने पर आपूर्ति निरीक्षक रामलाल तथा विपणन निरीक्षक अरुण कुमार सोमवार को गांव पहुंचे। चावल को देखा और ग्रामीणों से पूछताछ की। आपूर्ति निरीक्षक ने बताया कि चावल में किसी दवा की गंध आ रही है। चावल का सेवन करने से पहले उसे एक सप्ताह तक धूप में रखना जरूरी है।

ग्रामीणों का कहना है कि एक सप्ताह तक चावल को सूखाने लगेंगे तो खाएंगे क्या। गांव की भोला कुंवर ने कहा कि एक दिन चावल बनाए हैं और चावल बचा हुआ है। उसे बदल दिया जाए। हालांकि आपूर्ति विभाग ग्रामीणों की शिकायत पर गंभीर नहीं है और वे दवा युक्त चावल खाने को मजबूर हैं। रूपनारायण व अशोक ने बताया कि बभनी के राजकीय गोदाम से 61 कोटेदारों को आठ हजार कुंतल चावल वितरित हुआ है।


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