कैसे होगा काम, जब मास्टर ट्रेनर बेकाम
लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं निर्भीक वातावरण में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए तमाम रणनीति बनाई है।
जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं निर्भिक वातावरण में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए तमाम रणनीति बनाई है। उसका जमीन पर किस तरह अनुपालन हो रहा है, इसकी एक बानगी तहसील मुख्यालय पर उस वक्त देखने को मिली। जब तहसीलदार ने वीवीपैड के प्रदर्शन के लिए नामित मास्टर ट्रेनर को गांव में जाकर लोगों के सामने ईवीएम मशीन एवं वीवीपैड का प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद मास्टर ट्रेनर साहब की हालत खराब होने लगी।
शिक्षा महकमे से ताल्लुक रखने वाले मास्टर ट्रेनर ने तहसीलदार को हकीकत बताई तो वहां मौजूद लोगों ने सिर पकड़ लिया। सरकारी अभिलेखों में ईवीएम मशीन एवं वीवीपैड का मतदाताओं के समक्ष प्रदर्शन कराने के पूर्व चुनाव आयोग ने लगभग सभी इलाकों से कर्मियों को बुलाकर उन्हें प्रशिक्षित किया था। सरकारी खर्चे पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें मास्टर ट्रेनर की उपाधि देकर इलाकों में वापस भेजा गया कि वे अपने प्रशिक्षण ज्ञान को साथी कर्मियों के साथ आम मतदाताओं को जाकर मशीन के उपयोग करने के विधि के बारे में पूरी जानकारी दें। तकनीकी दिक्कत आने पर मास्टर ट्रेनर इंजीनियर से वार्ता कर आमजन मानस को पूरी तरह से संतुष्ट करें। इसके विपरीत यहां आये एक मास्टर ट्रेनर को इसके बारे में कोई जानकारी न होने का हवाला देते हुए अपने हाथ खड़े कर दिये जबकि मौके पर मौजूद एक लेखपाल ने मशीन का न सिर्फ पूरा प्रदर्शन किया बल्कि वीवीपैड के उपयोगिता एवं उसके उपयोग को तरीके बताकर मास्टर ट्रेनर का सिर शर्म से झुका दिया।