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कोरोना काल में अनाथ बच्चों का ख्याल रखेगी सरकार

जागरण संवाददाता सोनभद्र कोरोना संक्रमण हर किसी को रिश्ते की अहमियत को समझा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 05:41 PM (IST)
कोरोना काल में अनाथ बच्चों का ख्याल रखेगी सरकार

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना संक्रमण हर किसी को रिश्ते की अहमियत को समझा दिया है। ऐसे में उन लोगों ख्याल भी रखना बहुत जरूरी है जिनका कोई नहीं, या फिर कोरोना की जंग अस्पतालों में लड़ रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं उन अनाथ बच्चों का जिनके सिर पर स्वजनों का हाथ नहीं है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में ऐसे अनाथों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कदम बढ़ाया है। कोरोना ने बहुत से परिवारों से उनकी खुशियां हमेशा के लिए छीन ली हैं। जिन परिवार में कल तक किलकारियां गूंजा करतीं थीं, आज उसी घर में बच्चे गुमशुम नजर आ रहे हैं। ऐसे ही बच्चों के जीवन में फिर से खुशियां लाने की हरसंभव कोशिश में सरकार जुटी है। जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खोया है, उनकी चिता सरकार को है और अब ऐसे बच्चों और परिवार की पहचान कर उन्हें हरसंभव मदद पहुंचाने की तरफ कदम बढ़ाया गया है। इसके अलावा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना को मात देने के लिए अस्पताल में भर्ती हैं या होम आइसोलेशन में हैं और बच्चे की देखभाल करने वाला परिवार में कोई नहीं है, उन बच्चों के संरक्षण पर भी पूरा ध्यान है। प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग वी. हेकाली झिमोमी ने सूबे के सभी जिलाधिकारी को कोविड-19 से प्रभावित या अनाथ हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर सूची तैयार करने को कहा है। ..ताकि राहत पहुंचाई जा सके

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ऐसे बच्चों की सूची 15 मई तक निदेशक महिला कल्याण और राज्य बाल संरक्षण आयोग को भेजनी है, ताकि ऐसे बच्चों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके। महिला कल्याण विभाग का कहना है कि इस सूची को तैयार करने में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियों की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में गठित ग्राम बाल संरक्षण समितियों से भी इस सम्बन्ध में जानकारी जुटायी जा सकती है, जिसकी सदस्य सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होतीं हैं । इसके साथ ही विशेष किशोर पुलिस इकाई, चाइल्ड लाइन (1098) और जिला बाल संरक्षण इकाई भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस प्रकार के बच्चों के बारे में सूचनाएँ प्राप्त होने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी या बाल कल्याण समिति को तत्काल मुहैया कराएंगी। ऐसे बच्चों को 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

हेल्पलाइन पर दें ऐसे बच्चों की सूचना

कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो दिया है। उनके संबंध में सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर-1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दे सकता है । ऐसे बच्चों को चाइल्ड लाइन 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। ऐसे बच्चों की सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हेल्पलाइन 011-23478250 पर भी दी जा सकती है। बच्चे जिन्हें है मदद की जरूरत

ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण हो गई है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड पाजिटिव नहीं पाए गए किंतु समस्त लक्षण कोविड-19 के समान ही थे और उपचार के दौरान या उपचार के अभाव में जिनकी मृत्यु हो गई। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड के चलते उपचाराधीन हों या किसी अन्य कारण से महामारी के दौरान अस्पताल में भर्ती हों और घर पर बच्चों की देखरेख करने वाला कोई न हो। वर्जन--

शासन का निर्देश मिला है। जिले में तय समय सीमा के अंदर ऐसे बच्चों की सूची बनाकर उन्हें शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।

अमरेंद्र पोत्स्यायन, जिला प्रोबेशन अधिकारी।


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