सौभाग्य योजना से रूदौली व बेलछ में छाया उजियारा
जासं सोनभद्र राबर्ट्सगंज ब्लाक के मारकुंडी घाटी का नीचे वाला इलाका पहाड़ी क्षेत्र माना जाता है। यहां खंभा लगाने से लेकर अन्य जरूरी कार्य कराने में भी अड़चन आती है।
जासं, सोनभद्र : राबर्ट्सगंज ब्लाक के मारकुंडी घाटी का नीचे वाला इलाका पहाड़ी क्षेत्र माना जाता है। यहां खंभा लगाने से लेकर अन्य जरूरी कार्य कराने में भी अड़चन आती है। इस इलाके का रूदौली और बेलछ गांव आजादी के सात दशक के बाद भी बिजली की रौशनी से नहाया नहीं था। इसी बीच सौभाग्य योजना ने इस इलाके के लोगों का तो भाग्य ही खोल दिया। घर बिजली के तार पहुंच गए। एलइडी के प्रकाश से गांव दूधिया रोशनी में नहा लिया। अब गांव के लोग काफी खुश हैं।
जी हां, शासन की सौभाग्य योजना के तहत जब सौभाग्य योजना लांच की गई तो यहां के लोगों के चेहरे पर उम्मीद की किरण फूटी कि अब हम भी बिजली के प्रकाश में रहेंगे। हुआ भी ऐसा ही। जिले के दूर-दराज के ऐसे इलाके जहां कभी विद्युतीकरण कराना चुनौतीपूर्ण होता था वैसे 3622 मजरों का विद्युतीकरण कराकर विकास की नई कहानी लिखी गई। हां थोड़ा जल्दी हुई जिसका खामियाज कुछ ऐसे इलाके के लोग भुगत रहे हैं जो अब भी बिन तार के खड़े खंभों को देखकर उम्मीद लगाए बैठे हैं। इनमें कहीं तार खींचने के बाद कनेक्शन देना बाकी रह गया है तो कहीं खंभे लगाने के बाद तार ही नहीं लगाया गया। हालांकि इस तरह के मामलों की संख्या कम है और विद्युतीकरण होने के बाद पहली बार बिजली जलने वाले गांवों की संख्या अधिक है।
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केस-एक
राबर्ट्सगंज ब्लाक का रूदौली गांव की आबादी करीब एक हजार है। पहाड़ी और जंगली इलाका होने के कारण यहां अभी तक बिजली नहीं थी। इसी बीच सदर विधायक भूपेश चौबे ने इसे गोद लिया और शुरू हो गई कवायद। देखते ही देखते गांव में 100 से अधिक को कनेक्शन मिल गया। अब गांव में बच्चे लालटेन या ढिबरी की रोशनी में नहीं बल्कि एलइडी बल्ब की रौशनी में पढ़ाई करते हैं। केस-दो
दुद्धी ब्लाक के टहरीया खोरी व अनुसूचित बस्ती मोहल्ले में बीते कई वर्ष पहले विद्युत विभाग खंभा लगाकर भूल गया है। उसके बाद से ग्रामीण तार लगाने की मांग को लेकर विभाग का चक्कर लगाते-लगाते लोग थक गये हैं। बिजली विभाग अधिकारियों से मौखिक व लिखित रूप से इसकी शिकायत की गई। बावजूद इसके अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है । गांव के अन्य मोहल्ले में बिजली होने के बाद भी बाकी लोग अंधेरे में रात गुजारने को विवश हैं। ..............
सौभाग्य योजना एक नजर..
174025 घरों को दिया गया निश्शुल्क कनेक्शन।
3622 मजरों का कराया गया विद्युतीकरण।
13 विद्युत उपकेंद्र 33/11 केवी के नए बनाए गए।
05 विद्युत उपकेंद्रों 33/11 केवी की क्षमतावृद्धि की गई।
2612 नये ट्रांसफार्मर की स्थापना हुई।
01 नया उपकेंद्र 132 केवीए पसही से आपूर्ति चालू हुई।
5817 सोलर पैक्स ग्रामीण उपभोक्ताओं को दिए गए।