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डीजे बजाते रहे वनकर्मी, बस्ती में पहुंच गए हाथी

स्थानीय वन क्षेत्र में उत्पात मचा रहे हाथी वन विभाग के कर्मियों के सामने से ही जरहां गांव के काजरपानी टोले के रास्ते रिहंद डैम के किनारे पहुंच गए। वन विभाग के कर्मी रात में छत्तीसगढ़ बार्डर पर नेमना गांव के जंगलों में डीजे ही बजाते रह गए। जब हाथियों का झुंड बस्तियों के पास पहुंचा तो वहां हड़कंप मच गया। कई ने तो घर छोड़ दिया और दूसरे लोगों के घर में जाकर शरण ली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 09:13 PM (IST)
डीजे बजाते रहे वनकर्मी, बस्ती में पहुंच गए हाथी
डीजे बजाते रहे वनकर्मी, बस्ती में पहुंच गए हाथी

जागरण संवाददाता, बीजपुर (सोनभद्र) : स्थानीय वन क्षेत्र में उत्पात मचा रहे हाथी वन विभाग के कर्मियों के सामने से ही जरहां गांव के काजरपानी टोले के रास्ते रिहंद डैम के किनारे पहुंच गए। वन विभाग के कर्मी रात में छत्तीसगढ़ सीमा पर नेमना गांव के जंगलों में डीजे ही बजाते रह गए। जब हाथियों का झुंड बस्तियों के पास पहुंचा तो वहां सनसनी मच गई। कई ने तो घर छोड़ दिया और दूसरे लोगों के घर में जाकर शरण ली।

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मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीमा से 15-20 किमी. दूर हाथियों का ठहराव बना हुआ है। हाथी जंगल को छोड़ मुख्य बस्ती एवं गांव में प्रवेश कर गए हैं। अब हाथियों को सीमा के पार जंगलों में भेजना चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। शनिवार को हाथियों का झुंड माना गांव के जंगलों में देखे जाने के बाद वन विभाग के कर्मी खदेड़ने के लिए नेमना के जंगलों में रात भर डीजे बजाते रहे। लेकिन, हाथी देर रात बीजपुर-रेणुकूट बस मार्ग को पार कर कई बस्तियों से होते हुए रिहंद डैम के किनारे पहुंच गए। जब ग्रामीणों ने वन विभाग को डुमरचुआ में हाथी होने की सूचना दी तो विभाग सकते में आ गया। रास्ते में जरहां ग्राम पंचायत के काजरपानी टोले में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। ग्रामीण पारसनाथ पाल, रामअजोर पाल, मानसिंह व गोपी पाल के पपीता व केला के पेड़ उखाड़ दिए। धान व अरहर की फसल बर्बाद कर दी। डुमरचुआ में विष्णु गुप्ता, हरिश्चंद्र गुप्ता की धान की फसल व मकानों को तहस-नहस कर दिया। रात में हाथियों के दहाड़ने की आवाज सुन ग्रामीण घरो में ताला बंद कर भाग खड़े हुए। हाथी के बच्चे की मौत की सूचना

हाथियों का झुंड डैम के पानी में गया तो ग्रामीणों ने देखा कि पानी में एक हाथी का बच्चा मरा हुआ है। इसकी सूचना वनविभाग को दी गई। जिसकी घेराबंदी हाथी किए हुए थे। हाथियों के आतंक व उत्पात को देखते हुए किसी की हिम्मत नही हो रही थी कि नजदीक जाकर देखें कि हाथी का बच्चा मरा हुआ है या नहीं। डूमरचुआ गांव में वन विभाग के टीम के साथ बीजपुर प्रभारी निरीक्षक एसबी यादव पुलिस फोर्स के साथ पूरे दिन वहां डटे रहे। डैम किनारे बसे लोगों के पालतू जानवरों को वहां से हटा दिया गया है। हाथियों का झुंड कभी भी डैम से निकल कर आसपास के फसलों को बर्बाद कर सकता है। नेमना के जंगलों से निकल कर हाथियों का झुंड सड़क पार कर डैम किनारे पहुंचना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जरहां वन रेंजर दिनेश कुमार ने कहा कि हाथी आबादी क्षेत्र में पहुंच गए हैं। यहां से हाथियों को निकालना टेढ़ी खीर है। विभाग भरपूर कोशिश कर रहा है किसी तरह हाथियों को मध्यप्रदेश की सीमा पार भेजा जाए। बीजपुर थाना प्रभारी निरीक्षक एसबी यादव ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल लगाया गया है।


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