Move to Jagran APP

दुद्धी के घिवही में स्थापित हुआ मृदा परीक्षण का पहला लैब

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : दैनिक जागरण के आधुनिक अन्नदाता अभियान के तहत झारखंड व छ

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 08:24 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 08:44 PM (IST)
दुद्धी के घिवही में स्थापित हुआ मृदा परीक्षण का पहला लैब
दुद्धी के घिवही में स्थापित हुआ मृदा परीक्षण का पहला लैब

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : दैनिक जागरण के आधुनिक अन्नदाता अभियान के तहत झारखंड व छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित घिवही गांव में मंगलवार की शाम भव्य समारोह के बीच जनपद के प्रथम मृदा परीक्षण लैब की स्थापना हुई। इसका शुभारंभ आइएएस दंपती दुद्धी एसडीएम अतुल वत्स व म्योरपुर की बीडीओ डा. अंकुर लाठर ने किया। शाम करीब पांच बजे कृषि गुरुकुलम द्वारा संचालित गुरु शरणम केंद्र पर पहुंचे आइएएस दंपति ने नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरि, क्रय विक्रय समिति के अध्यक्ष रामेश्वर राय, उपकृषि निदेशक डा. आरएस यादव, बीडीओ प्रवीणानंद के साथ फीता काटकर लैब का शुभारंभ किया। इसके बाद लैब टेक्नीशियन एवं संचालिका संध्या मौर्या से इस अत्याधुनिक लैब से होने वाली मिट्टी की जांच व तत्वों के बारे में जानकारी ली। समुचित उत्तर मिलने पर इसे बेहतर बताते हुए लैब स्थापित करने वाले गुलाब चंद(गुरुजी)की सराहना की।

loksabha election banner

मुख्य अतिथि ने कहा कि दैनिक जागरण का आधुनिक अन्नदाता अभियान बहुत ही सराहनीय है। इस सुदूर क्षेत्र में लैब की स्थापना कराना बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने उपस्थित किसानों से अपील की कि वे इस लैब का लाभ लेकर अपने खेत की मिट्टी की सेहत ठीक करें जिससे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाकर आर्थिक रूप से संपन्न हो सकें। वहीं उपकृषि निदेशक डा. आरएस यादव ने आधुनिक किसान के लक्षण बताते हुए अत्याधुनिक ढंग से किए जाने वाली खेती की तकनीकी जानकारी देते हुए मृदा परीक्षण की आवश्यकता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीते दस अक्टूबर को जिले की प्रभारी मंत्री द्वारा जनपद में अभियान का शुभारंभ करने के बाद जागरण ने अपने जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हुए जिले भर में सैकड़ों किसानों को अभियान के तहत ब्लाकवार मुफ्त प्रशिक्षण दिया है। अब जिले में लैब खोलने का भी शुभारंभ हो गया है जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। इसी तरह दुद्धी के चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि ने किसानों के बदतर स्थिति पर ¨चता प्रकट करते हुए कहा कि जागरण परिवार के इस अभियान से उनकी दशा व दिशा सुधारने में काफी मदद मिलेगी। खंड विकास अधिकारी दुद्धी प्रवीणानंद ने कहा कि लैब संचालित करने में हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। कहा कि हमारा प्रयास होगा की पूरे ब्लाक क्षेत्र में इस तरह के लैब की स्थापना हो जिससे किसानों को लाभ मिल सके। इसके अलावा भाजपा के जिला महामंत्री विपिन बिहारी, क्रय विक्रय समिति के सभापति रामेश्वर राय, पूर्व प्रधान दिनेश यादव, गुलाब चंद कुशवाहा समेत तमाम वक्ताओं ने अपने विचारों को रखा। समारोह का संचालन कृषि स्नातकोत्तर प्रसार शिक्षा मोहम्मद शमीम अंसारी ने किया। इस मौके पर पूर्व प्रधान विहोती लाल गोंड़, रंभा देवी, रामस्वरूप शर्मा, रामनारायण शर्मा, हुलास यादव, चन्द्रदेव पाल, शंभूनाथ मौर्य, इंद्रावती देवी, कृष्ण मोहन, हृदय यादव, दयाशंकर कुशवाहा, हकुम राम, रमेश चंद, लक्ष्मी शंकर ,फेकन राम समेत तमाम लोग उपस्थित थे। बोले किसान..

खेती में अधिक लागत व कम उत्पादकता को देखते हुए मिट्टी का परीक्षण करना अत्यंत जरूरी हो गया है। परिणाम यह है कि मिट्टी के स्वास्थ्य से उलट खेती करने पर किसानों का नुकसान होना स्वाभाविक है। ऐसे में मृदा परीक्षण लैब स्थानीय स्तर पर होने पर लागत, उत्पादन व परीक्षण में सामंजस्य आसानी से स्थापित हो सकेगा। यानि लागत के अनुरूप उत्पादन का परिणाम मिलेगा। - गुलाब चंद्र कुशवाहा, घिवही। किसानों की हालत लगातार बदहाल होने के पीछे बिना मिट्टी परीक्षण के खेती करना है। यहां बहुत कुछ प्रकृति पर निर्भर है। बहुत कुछ की जानकारी अनुभव पर प्राप्त की जाती है लेकिन वर्तमान दौर इतना तेज हो गया, जिसमें परंपरागत अनुभव काम नहीं आ रहे हैं। ऐसे में मृदा परीक्षण लैब की स्थापना होने से मिट्टी के स्वास्थ्य की जानकारी के मुताबिक खेती करना सहज होगा। -विहोती गोंड़, घिवही। समस्याओं पर विराम लगाने में मृदा परीक्षण मशीन कारगर साबित होगी। इसके जरिए स्वयं के साथ दूसरे अन्य किसानों की मिट्टी भी आसानी से परखी जा सकेगी। इस परीक्षण का सिलसिला बढ़ाने की जरूरत है। खेती-किसानी में आधुनिक उपकरणों का उपयोग अत्यंत जरूरी हो गया है। इससे रोजमर्रा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में सहूलियत मिलेगी, क्योंकि अभी तक खेती फायदेमंद नहीं होने से खेती करना जटिल होता रहा है।

- मथुरा प्रसाद, कोलिनडूबा। मशीन जरूरी हो गया था। अभी तक की खेती में मिट्टी का परीक्षण करना एक नयी बात होती रही है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। नियमित मिट्टी का परीक्षण कर ही खेती करने पर बल दिया जाएगा। साथ ही परीक्षण के पैमाने पर खेती में जरूरी चीजों का उपयोग किया जाएगा। इससे खेती लाभदायक सिद्ध होगी। और तो और मिट्टी का स्वास्थ्य भी बकरार रहेगा। - दिनेश यादव, केवाल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.