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किसान जान सकेंगे कहां की मिट्टी उपजाऊ

जब किसानों को यह पता चल सकेगा कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है या जिस खेत वह फसल लगाने जा रहे हैं उसकी स्थिति क्या है तो उसी के अनुसार उसमें उर्वरक आदि डालेंगे। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक किसान अधिक उत्पादन के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल अधिक करते हैं। उन्हें यह नहीं पता होता कि कौन से पोषक तत्व की कमी है और कौसा पोषक तत्व पर्याप्त है। जब यह पता चलेगा कि यह पोषक तत्व पर्याप्त है तो वह अनावश्यक रूप से उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इससे खेती की लागत कम होगी और मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 09:34 PM (IST)
किसान जान सकेंगे कहां की मिट्टी उपजाऊ
किसान जान सकेंगे कहां की मिट्टी उपजाऊ

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : किसी किसान को अगर दूसरे गांव में खेत लेकर खेती करनी है तो यह जानने के लिए उसे भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी कि वहां की मिट्टी कैसी है। उपजाऊ है या ऊसर। उसमें कौन सी फसल ज्यादा होगी कौन सी कम, किस फसल में कौन सा उर्वरक अधिक लगेगा और क्यों। इसकी भी जानकारी बस एक नजर घुमाते ही मिल जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने हर गांव के मिट्टी की रिपोर्ट जनपदीय प्रयोगशाला से इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही परिणाम भी सामने आ जाएगा।

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देश के शीर्ष ¨थक टैंक नीति आयोग की रै¨कग में सोनभद्र को 115 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल किया गया है। यानि यह जनपद औसत से काफी ज्यादा पिछड़ा है। यहां खास नीति बनाकर विकास कराया जाना है। इसी कड़ी में गत दिनों जनपद दौरे पर आये नोडल अफसर सैंडियल पांडियन सी ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए जरूरी निर्देश दिया। उसी निर्देश के क्रम में काम भी शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो हर गांव की मिट्टी की औसत रिपोर्ट निकालकर उसे ग्राम पंचायत के पंचायत भवन, ब्लाक व जिले के सार्वजनिक भवनों पर सूची लगवाई जाएगी। उसमें यह लिखा होगा कि कहां की मिट्टी कैसी है। किस पोषक तत्व की कमी कहां पर है। कहां किस पोषक तत्व की अधिकता है।

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खेती की कम होगी लागत, सुधरेगी मिट्टी की सेहत

जब किसानों को यह पता चल सकेगा कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है या जिस खेत में वह फसल लगाने जा रहे हैं उसकी स्थिति क्या है तो उसी के अनुसार उसमें उर्वरक आदि डालेंगे। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक किसान अधिक उत्पादन के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल अधिक करते हैं। उन्हें यह नहीं पता होता कि कौन से पोषक तत्व की कमी है और कौन सा पोषक तत्व पर्याप्त है। जब यह पता चलेगा कि यह पोषक तत्व पर्याप्त है तो वह अनावश्यक रूप से उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बोले अधिकारी..

बीते दिनों जनपद में दौरे पर आये नोडल अफसर ने इस संबंध में जरूरी निर्देश दिया है। हर गांव के मिट्टी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जायेगा। इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। इस दिशा में काम भी चल रहा है।

- पियूष राय, जिला कृषि अधिकारी।


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