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सोनांचल पर टिकी निवेशकों की नजर

खनिज संपदा के साथ अपेक्षित भौगोलिक स्थिति के कारण निवेश के मामले में सोनभद्र ने बड़ी संभावनाएं जगाई है। गतवर्ष के साथ इस वर्ष हुए यूपी इन्वेस्टर्स समिट में सोनभद्र को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 09:45 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 06:27 AM (IST)
सोनांचल पर टिकी निवेशकों की नजर

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : खनिज संपदा के साथ अपेक्षित भौगोलिक स्थिति के कारण निवेश के मामले में सोनभद्र ने बड़ी संभावनाएं जगाई है। गतवर्ष के साथ इस वर्ष हुए यूपी इन्वेस्टर्स समिट में सोनभद्र को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। उम्मीद है कि सोनभद्र में दस हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश हो सकते हैं। सोनभद्र में देश का सबसे बड़ा तैरता सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के निर्णय ने इसकी नींव डाल दी है।

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गतवर्ष ही हुए यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सोनभद्र में निवेश की सबसे ज्यादा संभावनाएं जगी थी। गतवर्ष हुए यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 10700 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने हेतु 46 निजी कंपनियों के साथ एमओयू साइन किये गये थे। सौर ऊर्जा के लिए अनुकूल स्थिति को देखते हुए अब प्रदेश शासन के साथ ही निजी घरानों की जनपद पर नजर है। सबसे ज्यादा संभावनाएं रिहंद बांध ने बढ़ाई है। तैरते सौर ऊर्जा प्लांट की तकनीकि के कारण रिहंद बांध सबसे अनुकूल जगह बन गई है। प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण निवेशकों में बड़ा विश्वास जगा है। ऊर्जा विशेषज्ञ अभियंता संघ के अदालत वर्मा के अनुसार सम्पूर्ण भारतीय भूभाग पर 5000 लाख करोड़ किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मीटर के बराबर सौर ऊर्जा आती है, जो कि विश्व की संपूर्ण विद्युत खपत से कई गुना अधिक है। देश में वर्ष में लगभग 300 दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य की रोशनी दिनभर उपलब्ध रहती है। ऐसे में कोयले पर निर्भरता में सौर ऊर्जा की वजह से कमी लायी जा सकती है। जिससे प्रदेश के पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण सोनभद्र-सिगरौली क्षेत्र के बिगड़ते वातावरण को बचाया जा सके। दस हजार करोड़ से ज्यादा निवेश की संभावना

आने वाले दिनों में केवल ऊर्जा क्षेत्र में ही सोनभद्र में दस हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आ सकता है। फिलहाल यूपी कैबिनेट ने रिहंद में पहला और देश का सबसे बड़ा तैरता सोलर ऊर्जा प्लान लगाने को स्वीकृति दी है। इसमें शुरुआत में 750 करोड़ का निवेश होगा। प्रदेश सरकार ने अभी 550 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने को स्वीकृति दी है। इसका ज्यादातर हिस्सा सोनभद्र में आने की संभावना है। फिलहाल प्रतिस्पर्धा निविदा के आधार पर बीएसपीएल नई दिल्ली को 140 मेगावाट, एनटीपी नोयडा को 85 मेगावाट, महोबा सोलर को 50 मेगावाट, टाटा पावर को 50 मेगावाट, जैक्शन पावर को 50 मेगावाट, गिरिराज रिन्युबल्स प्राइवेट लिमिटेड को सौ मेगावाट आदि को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है। ताप विद्युत में आ सकता है बड़ा निवेश

सौर ऊर्जा के अलावा सोनभद्र में कोयला आधारित बिजली घरों के निर्माण एवं पारेषण क्षेत्र में बड़ा निवेश आ सकता है। गतवर्ष ही समिट के दौरान अडानी ग्रुप द्वारा प्रदेश में 1000 मेगावाट के ताप बिजली घर, पारेषण लाइनों, पारेषण सबस्टेशनों और सोलर पावर प्लांट लगाने के एमओयू साइन किये थे। उसके बाद ओबरा सी के पारेषण नेटवर्क विकसित करने का कार्य अडानी ग्रुप को दिया गया। जिसमें ग्रुप द्वारा 1000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा अगली पंचवर्षीय योजना तक 1600 मेगावाट की ओबरा-डी भी प्रस्तावित है। जिसको देखते हुए भी बड़े निवेश की संभावना है।


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