चौथी तहसील ओबरा कोमूर्त रूप देने की कवायद तेज
------------------------ जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) प्रदेश सरकार द्वारा ओबरा को नयी तह
------------------------ जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश सरकार द्वारा ओबरा को नयी तहसील बनाने पर मुहर लगाने के सात माह बाद अब तहसील कार्यालय निर्माण के साथ फिलहाल अस्थायी कार्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है। शनिवार को जिलाधिकारी एस राजलिगम ने तहसील के लिए संभावित जमीनों का निरीक्षण किया। इसके अलावा अस्थायी तहसील कार्यालय के लिए भी कई जगहों का निरीक्षण किया। डीएम ने निर्देश दिया कि तहसील भवन के लिए चोपन से लेकर तेलगुड़वा मुख्य सड़क हाईवे के पास जमीन के चयन के लिए प्रस्ताव 48 घंटे के अंदर उप जिलाधिकारी सदर टीम बनाकर प्रस्तुत करें। कोशिश हो कि सबसे बेहतर समतल, उपयुक्त व मुख्य सड़क से लगी हुई आवागमन के सुगमता युक्त जमीन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए, ताकि आम नागरिकों को नई तहसील ओबरा परिसर में आने-जाने में सुगमता हो। अस्थायी रूप से ओबरा तहसील संचालित करने के लिए उप जिलाधिकारी राबर्ट्सगंज व अधिशासी अधिकारी ओबरा व डिप्टी कलेक्टर/एआरओ ओबरा समन्वय के साथ प्रयास जारी रखें। जिलाधिकारी ने बग्घानाला क्षेत्र, बिल्ली-मारकुण्डी क्षेत्र, सिचाई विभाग के भवन क्षेत्र, साडा के भवन क्षेत्र, पुराना ओबरा डिग्री भवन कालेज का स्थलीय निरीक्षण किया और नई तहसील को अस्थायी रूप से क्रियाशील करने के लिए पुराना डिग्री कालेज ओबरा की साफ-सफाई व लोक निर्माण विभाग से पुराने डिग्री कालेज भवन की उपयुक्तता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के निर्देश संबंधितों को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पुराना ओबरा डिग्री कालेज भवन परिसर में भवन की साफ-सफाई, पर्याप्त शौचालय, कार्यालय फर्नीचर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय।
इसमें उप जिलाधिकारी राबर्ट्सगंज डॉ. कृपा शंकर पांडेय, डिप्टी कलेक्टर/सहायक अभिलेख अधिकारी ओबरा सुशील कुमार यादव, खान अधिकारी मोहम्मद महबूब, राजस्व विभाग के कार्मिकगण सहित अन्य संबंधितगण मौजूद रहे। लंबे संघर्ष के बाद मिली तहसील ओबरा को तहसील बनाये जाने को लेकर पिछले एक दशक से मांग की जा रही थी। इसके लिए ओबरा तहसील सृजन संघर्ष समिति के बैनर तले वकीलों ने कई बड़े आंदोलन किये। इसके अलावा नागरिकों ने भी समय-समय पर आंदोलन करते रहे। जुलाई 2019 में सोनभद्र दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबरा तहसील की घोषणा की। साथ ही जिला प्रशासन से तत्काल नवसृजित तहसील में कौन-कौन से गांव शामिल किए जाएंगे इसका प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजने का निर्देश दिया। जिसके बाद सितंबर 2019 में राजस्व परिषद के आयुक्त व सचिव रजनीश गुप्ता ने तहसील गठन संबंधी निर्देश जिलाधिकारी को भेजा। तत्कालीन डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने ओबरा तहसील के लिए 132 गांव और 62 लेखपाल तहसील क्षेत्र का प्रस्ताव तैयार कराकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया था। बाद में इसमें से 17 गांव कम कर दिए गए थे। 11 फरवरी 2020 को प्रदेश कैबिनेट ने ओबरा तहसील बनाये जाने पर अपनी मुहर लगा दी। 112 गांव की होगी ओबरा तहसील पूर्व आदेश के तहत राबर्ट्सगंज और घोरावल तहसील के कुल 132 गांव को मिलाकर ओबरा तहसील बनायी जानी थी। बाद में कई गांव के ओबरा से काफी दूर होने को लेकर वहां के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने नवसृजित तहसील में शामिल सदर तहसील के 14 गांव एवं घोरावल तहसील के तीन गांवों को निकाल दिया था। डीएम एस राज लिगम ने ओबरा तहसील के लिए गांवों के चयन की कार्यवाही पूर्ण कराकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। पूर्व में ओबरा तहसील में शामिल सदर तहसील के मारकुंडी, अवई, सलखन, केवटा, पइका, मंगरी, बलुई, महुआव खुर्द, महुआव कला, पथरहा, रजधन, अतवार, बेलकप, कम्हरिया, घोरावल तहसील के रिजुल, कदरा और पटेहरा गांव को अलग कर दिया गया। नए प्रस्ताव के तहत अब 112 गांव एवं 58 लेखपाल क्षेत्र मिलाकर ओबरा तहसील बनेगी। ओबरा कालोनी के सेक्टर आठ स्थित पूर्व ओबरा डिग्री कालेज परिसर में अस्थायी ओबरा तहसील कार्यालय बनाये जाने के जिला प्रशासन के पत्र पर उत्पादन निगम मुख्यालय को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए पत्र भेजा गया है। -आरपी सक्सेना, सीजीएम ओबरा।