पीएफ घोटाले में इस्तीफा दें ऊर्जा मंत्री
जासं सोनभद्र ऊर्जा विभाग के पीएफ में हुआ अरबों का घोटाला उन आर्थिक नीतियों का परिणाम है जिसमें कारपोरेट घरानों के मुनाफे के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद किया जा रहा है। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बावजूद पीएफ का पैसा बाजार में न लगाने के नियम
जासं, सोनभद्र : ऊर्जा विभाग के पीएफ में हुआ अरबों का घोटाला उन आर्थिक नीतियों का परिणाम है, जिसमें कारपोरेट घरानों के मुनाफे के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद किया जा रहा है। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बावजूद पीएफ का पैसा बाजार में न लगाने के नियम को कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने बदला था। यह बातें बुधवार को ओबरा में आयोजित कर्मचारी आंदोलन के समर्थन में श्रम बंधु व वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहीं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने कर्मचारियों की जीवन भर की कमाई का कर्मचारी निधि का पैसा निजी कंपनियों और शेयर बाजार में लगाया। यह जानते हुए भी कि डीएचएफएल एक दिवालिया कंपनी है और उस पर बैंकों का हजारों करोड़ बकाया है बावजूद इसके अखिलेश सरकार ने इस कंपनी को भविष्य निधि का पैसा देने का समझौता किया। जिसे योगी सरकार ने लागू किया। इसलिए नैतिकता के आधार पर ऊर्जा मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और इस घोटाले की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के निर्देशन में जांच करानी चाहिए। जिन लोगों ने इस घोटाले को अंजाम दिया है, उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। इस मौके पर राजेश सचान भी मौजूद रहे।