कोल स्वैपिग से बिजली घरों को होगा लाभ
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच कोयला आपूर्ति की अदला-बदली के लिए कोल स्वैपिग की नीति बनायीं है।
By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:46 PM (IST)
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच कोल स्वैपिग (कोयले की अदला-बदली) नीति से ईंधन की उपलब्धता बढ़ने और परिवहन लागत कम होने की संभावना है। इसमें सबसे ज्यादा सहूलियत ऐसी परियोजनाओं को होगा जहां से कोयला खदानें दूर हैं। कोयला खदानों के दूर होने के कारण जहां बिजली की दरों में इजाफा होता है वहीं कोयले की गुणवत्ता भी बड़ा सवाल रहता है। कोल स्वैपिग की नीति अगर प्रदेश में भी लागू होती है तो इसके तहत कोयला खदानों से दूर के बिजली घरों को अधिक कैलोरिफिक वैल्यू के सस्ते कोयला खदानों से कोयला स्वैप करने की अनुमति मिल जायेगी।
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