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बारिश से बढ़ी ठंड, गेहूं की फसल के लिए संजीवनी

जासं, सोनभद्र : सर्दी के मौसम की पहली बारिश ने मौसम को ठंडा कर दिया है। बारिश से कम होत

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 10:15 PM (IST)
बारिश से बढ़ी ठंड, गेहूं की फसल के लिए संजीवनी
बारिश से बढ़ी ठंड, गेहूं की फसल के लिए संजीवनी

जासं, सोनभद्र : सर्दी के मौसम की पहली बारिश ने मौसम को ठंडा कर दिया है। बारिश से कम होती ठंड एक बार फिर लौट आई। जिले में रविवार की रात से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी दिन भर रूक-रूक कर चलती रही। इससे जनजीवन भी प्रभावित रहा। वहीं, बारिश फसल के लिए संजीवनी बनी। ठंड से बाजार सूने दिखे और लोग घरों में ही दुबके रहे। सोमवार को हुई बारिश ने नगर पालिका की व्यवस्थाओं की भी पोल खोल दी है। बारिश के पानी से रास्ते और गलियों में कीचड़ ही कीचड़ नजर आने लगा। नालियां जाम होने के कारण पानी निकासी बेहतर ढंग से नहीं हो पाई। कई स्थानों पर सड़कों पर पानी बहता नजर आया।

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रामगढ़ : चतरा ब्लाक क्षेत्र में बीते तीन दिनों से आसमान में उमड़ रहे बादलों को ललचाई नजरों से किसान देख रहे थे। रविवार रात से शुरू हुई बारिश ने किसानों को राहत प्रदान दी। किसानों को उम्मीद है कि यह बारिश कुछ दिन और हो जाए तो उनकी सूखती फसल एक बार फिर से हरी हो जाएगी। गेहूं की फसल अब तक बारिश न होने के कारण सूख रही थी लेकिन इस बारिश ने किसानों की उम्मीद हो जगा दिया है।

मौसम के बदले रुख से किसान प्रसन्न

सोनांचल में रविवार रात से मौसम के बदले रुख से किसान प्रसन्न दिखे। बारिश के कारण सूरज देवता के दर्शन नहीं हुए और ठंड ने भी अपनी दूसरी पारी का आगाज कर दिया। बारिश से ठंड बढ़ने के आसार और बढ़ गए हैं। सर्दी बढ़ने के साथ गर्म कपड़े एक बार फिर से लोग निकालने के लिए विवश हो गए हैं।

उधर, मौसम की करवट से उन लोगों का बुरा हाल है जो बेघर हैं और सड़कों पर रात काटते हैं। शीतल हवाओं को सहन कर रहे ये लोग जिला प्रशासन की ओर आंख लगाए देख रहे हैं कि कब कोई उनका हाथ मदद के लिए पकड़े। सर्दी के मौसम की सबसे बड़ी मार मजदूर वर्ग पर पड़ने लगी है।

फसलों के लाभदायक

फरवरी माह में हुई बारिश फसलों के लिए लाभदायक होगी क्योंकि पांच महीने के बाद बारिश हुई है। जनपद के अधिकांश जगहों पर किसान ऐसे ही किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे थे। इलाके में गेहूं, चना, दलहन और तिलहन की फसलों को पानी न मिलने से बुरा प्रभाव पड़ रहा था। किसान विनोद कुमार, जो¨गदर, विनोद, सुरेंद्र, सेचन ने कहा कि यह बारिश तो फसलों के लिए संजीवनी का काम करेगी। गेहूं की फसल को पानी की आवश्यकता थी जो इस बारिश से पूरी हो जाएगी। बारिश के बाद फसल अच्छी होने की उम्मीद जगी है। कृषि अधिकारी पीयूष राय ने कहा कि यह बारिश फसलों के लिए रामबाण है। कहा कि बारिश के बाद किसान तत्काल खेतों में खाद डाल सकते हैं।

एक नजर में ..

जिले की खेती योग्य कुल भूमि 1.93 लाख हेक्टेयर

रबी फसलों की खेती का रकबा एक लाख हेक्टेयर (लगभग)

गेहूं के खेती का रकबा 56 हजार हेक्टेयर

इस वर्ष गेहूं की हुई बोआई 36 हजार हेक्टेयर

¨सचित क्षेत्रफल 30 फीसद

इस वर्ष मानसून सत्र में औसत बारिश 68 फीसद


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