डा. आनंद सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के सम्मान से होंगे पुरस्कृत
धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक समाज के ही डा. आनंद को उनके बेहतर क्रियाकलापों के लिए राज्य सरकार पुरस्कृत करने जा रही है। उन्होंने करेक्टिव सर्जरी करके जिले में करीब 150 बच्चों के माथे पर चिपके दिव्यांग के धब्बे को मिटा दिया है। निश्शुल्क सर्जरी करके बच्चों को नई जिदगी दी। इस सराहनीय कार्य के लिए विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर लखनऊ में राज्य पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से पत्र भी आ चुका है। विभाग ने इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी करा ली है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक समाज के ही डा. आनंद को दिव्यांगजन की बेहतर सेवाओं के लिए शासन ने राज्य स्तरीय पुरस्कार 2019 के लिए चयन किया है। दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग लखनऊ ने डा. आनंद को सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की श्रेणी में रखा है। इसके लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से पत्र भी आ चुका है। विभाग ने इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी करा ली है।
जिला चिकित्सालय में आर्थोपेडिक सर्जन डा. आनंद कुमार करेक्टिव सर्जरी करके करीब 150 बच्चों के माथे पर चिपके दिव्यांग के धब्बे को मिटा दिया है। मुफ्त सर्जरी करके बच्चों को नई जिदगी दी। राबर्ट्सगंज ब्लाक के बहुअरा गांव निवासी महेंद्र की छह वर्षीय पुत्री पलक का पैर टेंढ़ा था। चिकित्सकों को दिखाया तो पता चला कि क्लब फूड है। इसके ऑपरेशन में लाखों रुपये खर्च आएंगे। महेंद्र के पास इतना पैसा नहीं था कि वह ऑपरेशन करा सके। कई नामी अस्पतालों में गए लेकिन वहां से संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसी बीच जिला अस्पताल लोढ़ी में दिव्यांग बच्चों के इलाज के लिए शिविर लगा और उसमें पलक को देखा जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डा. आनंद कुमार ने। उन्होंने जिला अस्पताल में करेक्टिव सर्जरी किया और आज पलक अपने सीधे पैरों पर चलती है। इसी तरह उसरी कला के 12 वर्षीय सोनू, नई बाजार के कृष्णा सहित 150 से अधिक बच्चों को भी डा. आनंद ने करेक्टिव सर्जरी के जरिए नया जीवन दिया। इनके इसी प्रयास और क्रियाकलापों की वजह से राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलने जा रहा है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की मानें तो डा. आनंद कुमार को सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की श्रेणी में पुरस्कार मिलेगा। इसके लिए शासन के निर्देशानुसार पुलिस से सत्यापन आदि कराया जा चुका है। कैसे-कैसे मरीजों को ठीक किया
जिला संयुक्त चिकित्सालय में तैनात डा. आनंद कुमार ने जिले के करीब 150 से अधिक बच्चों को करेक्टिव सर्जरी के जरिए ठीक किया है। इसमें क्लब फूड यानी पैर का टेंढ़ा होना, सीपी चाइल्डी यानी बचपन से शारीरिक व मानसिग दिव्यांगता, हाथ में रिग का होना, कई की उंगली सटी थी ऐसे मरीजों की करेक्टिव सर्जरी करके उन्हें चलने लायक बनाया। बोले अधिकारी--
दिव्यांगजनों के निमित्त सराहनीय कार्य करने वाले जिला संयुक्त चिकित्सालय के आर्थोपेडिक सर्जन डा. आनंद कुमार को सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की श्रेणी में राज्य स्तरीय पुरस्कार दिए जाने का पत्र आया है। इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करा ली गई हैं। विश्व दिव्यांग दिवस यानी तीन दिसंबर को लखनऊ में यह पुरस्कार दिया जाना है।
- रितुराज सिंह, दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी-सोनभद्र।