सोनभद्र में बिना सुपर मैनेजमेंट सिस्टम के न करें धान की कटाई, ढाई हजार से 15,000 तक जुर्माना का बना प्रावधान
कम्बाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई के लिए एसएमएस (सुपर मैनेजमेंट सिस्टम) को अटैच करके ही फसल काटें अन्यथा कार्रवाई के भागीदार बनना पडे़गा। एसएमएस फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर जमीन में बिखेर देता है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कम्बाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई के लिए एसएमएस (सुपर मैनेजमेंट सिस्टम) को अटैच करके ही फसल काटें अन्यथा कार्रवाई के भागीदार बनना पडे़गा। एसएमएस फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर जमीन में बिखेर देता है। एसएमएस से छोटे टुकड़ों में कटे पराली के अवशेष जमीन में मिलकर मिट्टी में कार्बन अंश व उर्वरता बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर भी रोक लगेगी।
धान की फसल कटाने के बाद खेतों में पराली जलाई गई तो जहां आरोपित किसानों से अर्थदंड की वसूली होगी। वहीं बिना स्ट्रा रीपर/सुपर मैनेजमेंट सिस्टम के धान की कटाई करने वाले हार्वेस्टिंग मशीन (कम्बाइन) संचालकों को भी बक्शा नहीं जाएगा। पकड़े जाने पर कम्बाइन को सीज कर जब्त कर लिया जाएगा। कम्बाइन स्वामी के व्यय पर हार्वेस्टिंग मशीन में सुपर मैनेजमेंट सिस्टम लगवाने के बाद छोड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली ने धान की पराली (फसल अवशेष) जलाया जाना पूरी तरह प्रतिबंधित करते हुए अर्थदंड प्राविधान किया है। मंगुहारी कृषि भवन में उप निदेशक ने मंगलवार को बैठक करके कम्बाइन हार्वेस्टर धारकों को चेतवानी दी और अर्थदंड के प्रावधान को विस्तार से बताया। साथ ही चेतावनी दी कि धान की कटाई व पराली जलाने का प्रयास न करें अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय हरित अभिकरण की ओर से निर्धारित अर्थदंड के तहत कृषि भूमि का क्षेत्र फसल दो एकड़ से कम होने की दशा में 2500 रुपये प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्र फसल पांच एकड़ से कम होने की दशा में 5000 रुपये प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्र फसल पांच एकड़ से अधिक होने की दशा में 15000 रुपये प्रति घटना है।
अर्थदंड का प्रावधान
- 2500 - रुपये दो एकड़ से कम भूमि पर अर्थदंड
- 5000 - रुपये पांच एकड़ से कम भूमि पर अर्थदंड
-15000 - रुपये पांच एकड़ से कम भूमि पर अर्थदंड
राष्ट्रीय हरित अभिकरण के प्रावधानों की जानकारी दे दी गई
सभी हार्वेस्टिंग मशीन (कम्बाइन) संचालकों को बैठक करके राष्ट्रीय हरित अभिकरण के प्रावधानों की जानकारी दे दी गई है। इसके बाद भी कोई पकड़ा जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
- डीके गुप्ता, उप कृषि निदेशक, सोनभद्र।