सांसारिक सुख में न भूलें प्रभु का स्मरण
हिडाल्को प्रबंधन द्वारा रेणुकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मानस मर्मज्ञ पं. नानालालजी राजगुरु के सात दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, रेणुकूट (सोनभद्र) : प्रभु श्रीराम सुग्रीव को राज्य सौंपकर तथा सकल समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान कर चतुर्मास व्रत में प्रवर्षण पर्वत पर विराजमान हो गए। श्रीराम ने ऐसा करने से पूर्व सुग्रीव से कहा कि माता सीता के अन्वेषण दायित्व को मत भूलना लेकिन, राज्य एवं परिवार के सुख में लिप्त होकर सुग्रीव ने उनके इस निर्देश को भुला दिया। श्रीराम को यह ज्ञात होने पर कि सुग्रीव सांसारिक सुख में संलिप्त होकर उनके निर्देश को भुला चुके हैं तब उन्होंने लक्ष्मण जी को मात्र भय दिखाकर सुग्रीव का पथ प्रदर्शन करने को कहा।
ये कथा हिडाल्को प्रबंधन द्वारा रेणुकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मानस मर्मज्ञ पं. नाना लालजी राजगुरु ने कही। सात दिवसीय रामकथा में सेवानिवृत्त कर्नल संदीप खन्ना ने श्रीरामचरित मानस का पूजन किया। कथावाचक पं. नानालालजी ने बताया कि मनुष्य भी प्राय: सांसारिक सुख में लिप्त होकर भगवान का स्मरण करना भूल जाते हैं वस्तुत: वह प्रभु की कृपा से वंचित रह जाते हैं। अत: हमें सांसारिक सुखों से ऊपर उठ कर प्रभु का स्मरण करते रहना चाहिए। भगवान श्रीराम के गुणों का किया बखान
डाला : श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के 52वें स्थापना दिवस के अवसर पर रुद्राभिषेक, नवाह्न परायण यज्ञ एवं मानस प्रवचन का आयोजन किया गया है। मानस प्रवचन हेतु जबलपुर से पधारे विद्वान आचार्य श्री बृजेश दीक्षित जी द्वारा मानस प्रवचन का आरंभ हुआ आचार्य जी का माल्यार्पण मानस परिवार समिति के अध्यक्ष श्री अजय शर्मा जी द्वारा किया गया मानस प्रवचन के प्रथम दिन आचार्य श्री बृजेश दीक्षित जी ने शरद पूर्णिमा के महत्व को बताते हुए भगवान श्रीराम की गुणों के विषय में विस्तार से बताते हुए आदि समस्त प्रमुख पौराणिक विषयों को स्पष्टता से समस्त जनमानस को बताया मानस प्रवचन के प्रथम दिन अधिक मात्रा में जनमानस एकत्रित हुआ जिसमें मंदिर न्यास के संस्थापक महंत मुरली तिवारी, हृदय नारायण तिवारी, अवध नाथ मिश्र, आशीष जायसवाल, राजेश मिश्र आदि लोग मौजूद रहे।