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विभागीय उदासीनता से ओबरा डैम की सुरक्षा को खतरा

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण ओबरा डैम के ऊपर से गुजर

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 04:20 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 04:20 PM (IST)
विभागीय उदासीनता से ओबरा डैम की सुरक्षा को खतरा

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण ओबरा डैम के ऊपर से गुजरने वाले मार्ग की जर्जरता ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल मानसून सत्र में तालाब में तब्दील हुए इस मार्ग के कारण डैम की सुरक्षा करना चुनौती बनता जा रहा है। ओबरा डैम की सुरक्षा में लगी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को इस मार्ग पर गश्त करना काफी कठिन साबित हो रहा है।

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सिचाई विभाग के अंतर्गत आने वाला यह मार्ग दो सरकारी विभागों के बीच फंसकर अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। ओबरा डैम के तटबंधों पर बना यह मार्ग पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में है लेकिन इसकी मरम्मत में लगातार देरी की जा रही है। मात्र एक किलोमीटर लंबे मार्ग पर सैकड़ों गड्ढे हैं, जिनमें हर समय पानी भरा रहता है। इस पूरे मार्ग के दोनों ओर सीआइएसएफ का पहरा रहता है। कई औपचारिकताओं के बाद इस मार्ग पर चलने की अनुमति मिलती है, लेकिन अनुमति के लिए घंटों खर्च करने के बाद इस मार्ग का सफर अत्यंत खतरनाक जान पड़ता है। इस मार्ग से ही पुलिस और एंबुलेंस को आपातकालीन परिस्थितियों में रेणुकापार जाना होता है। यहीं नहीं इसी मार्ग से ओबरा जलविद्युत परियोजना भी जाया जाता है। हल्की बारिश में ही यह मार्ग तालाब में बदल जाता है। जबकि इसके एक ओर जलाशय है तो दूसरी ओर खाई है। इस मार्ग के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस जिस तटबंध के ऊपर यह मार्ग बना है, उसी तटबंध का प्रयोग चांदमारी के लिए भी किया जाता है। इसी चांदमारी में जिले की पुलिस, सीआरपीएफ सहित कई सुरक्षा एजेंसियां निशानेबाजी का प्रशिक्षण करती हैं। सुरक्षा को लेकर पैदा होने वाले आपातकालीन परिस्थितियों में यह मार्ग बेमानी साबित होगा।

दो विभागों के बीच उलझा मामला

ओबरा डैम का रख रखाव सिचाई विभाग अंतर्गत ओबरा बांध खंड करता है। सिचाई विभाग को ही इस मार्ग का नवीनीकरण कराना है। ओबरा डैम पर ही जल विद्युत परियोजना होने के कारण डैम सहित डैम के ऊपर से गुजरे मार्ग के अनुरक्षण का खर्च उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम को देना है। सड़क मार्ग की जर्जरता को देखते हुए सिचाई विभाग पिछले वर्ष ही अपनी कार्ययोजना जलविद्युत निगम को भेज दिया था। ओबरा बांध खंड के अधिशासी अभियंता इं. संजय कुमार ने बताया कि कार्ययोजना भेजे जाने के बावजूद जलविद्युत निगम द्वारा धन आवंटित नहीं किए जाने के कारण सड़क निर्माण नहीं हो पा रहा है। उधर जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता (सिविल) इं. आईडी शर्मा ने बताया कि सिचाई विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को पिछले वित्त वर्ष में ही मुख्यालय भेज दिया गया था। मुख्यालय से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। कहा कि सड़क की हालत काफी खराब है।


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