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सोन नद में डूबे दो और किशोरों का मिला शव

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) जुगैल थाना क्षेत्र के कुड़ारी गांव में शनिवार को डूबे चार

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 06:05 PM (IST)
सोन नद में डूबे दो और किशोरों का मिला शव
सोन नद में डूबे दो और किशोरों का मिला शव

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : जुगैल थाना क्षेत्र के कुड़ारी गांव में शनिवार को डूबे चार किशोरों में से दो का शव रविवार की सुबह बरामद हो गया। एक शव जमुई गांव व दूसरा शव करगरा के पास उतराया मिला। चौथे शव की तलाश जारी है। एक घटना वाले दिन शनिवार को ही बरामद किया जा चुका है।

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कुड़ारी गांव घटना स्थल से पांच किलोमीटर दूर रविवार सुबह छह बजे जमुई गांव में राहुल (15) पुत्र कुंजलाल निवासी रमडीहा जिला सिगरौली का शव बरामद हुआ है। उसके एक घंटे बाद घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर करगरा में अमित (16) पुत्र राजेश निवासी लमसरई का शव मिला। दोनों शवों को चोपन के गोताखोर ओमप्रकाश, प्रदीप, पप्पू, सुनील, बबलू, बब्बू, भिक्खू, राजकुमार एवं सोनू ने खोजा। दोनों शवों को सिगरौली पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल रोहित (14) पुत्र लाल बहादुर की तलाश जारी है। मध्यप्रदेश के एसडीइआरएफ की टीम व स्थानीय गोताखोरों सहित जुगैल और गढ़वा पुलिस रविवार दिन भर डूबे बालक की खोजबीन में जुटी रही। नदी का जलस्तर बढ़ा होने के कारण खोजबीन में भारी मशक्क्त करनी पड़ रही है। वर्तमान में नदी के कई स्थानों पर एक किलोमीटर से ज्यादा चौड़ी होने के कारण ज्यादा दिक्क्तें सामने आ रही है। हालांकि बहाव को देखते हुए खोजबीन का दायरा चोपन पुल तक बढ़ा दिया गया। इसके अलावा चोपन के आगे चोपन गांव, कजरहट, अम्मा टोला एवं कोटा सहित आगे के क्षेत्रों में भी सूचना पहुंचाई गई है। शनिवार शाम साढ़े चार बजे घटनास्थल से दो किलोमीटर आगे सुइया बहार में आनंद पुत्र लालपति निवासी लमसरई का शव बरामद किया गया था। रविवार को घोरावल एसडीएम जैनेंद्र सिंह, एसडीएम चितरंगी नीलेश शर्मा ने राहत कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान जुगैल थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह एवं गढ़वा टीआई संतोष तिवारी भी खोज अभियान में शामिल रहे। शाम चार बजे के करीब एसडीइआरएफ की टीम कुड़ारी वापस लौट गई। समाचार लिखे जाने तक टीम द्वारा पुन: कुड़ारी स्थित घघटनास्थल के आसपास थोड अभियान शुरू किया गया है। उधर रविवार को भी लमसरई और रमडीहा में मातम पसरा रहा।

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मानसून में खतरनाक हो जाता है सोन नद

मानसून सत्र के दौरान सोन नद अत्यंत खतरनाक हो जाता है। बालू बाहुल्य नद होने के कारण इसका तल परिवर्तित होता रहता है। जिसके कारण इस नद की गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता। शनिवार को हुई घटना में यह प्रमुख कारण बना। सभी किशोर किनारे से मात्र 10 फीट अंदर नहा रहे थे। जहां गहराई दो से चार फीट के करीब थी लेकिन 10 फीट नद में अंदर अचानक गहराई आठ फीट हो गई। घटना के बाद जब गोताखोर आए तो उक्त जगह की गहराई का पता चला। स्थानीय निवासियों ने बताया कि मानसून से पहले यह जगह समतल थी लेकिन बहाव के कारण उक्त जगह गड्ढा हो गया। जिसके कारण किशोर बहाव की चपेट में आ गए।


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