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खतरे का संकेत, खेत के रास्ते जा रहे गांव

खतरे का संकेत खेत के रास्ते जा रहे हैं गांव

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 03:36 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 09:20 PM (IST)
खतरे का संकेत, खेत  के रास्ते जा रहे गांव
खतरे का संकेत, खेत के रास्ते जा रहे गांव

जासं,(कोन) सोनभद्र : कोरोना महामारी के लिए लॉकडाउन पूरी तरीके से फेल होता हुआ नजर आ रहा है। प्रशासन की तमाम तैयारियां इटावा से निकले मजदूर ध्वस्त करते हुए नजर आए। घर आने की जल्दी ने महासंकट को गांवों तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। ये श्रमिक कोन पहुंचने के लिए चोरी-छिपे खेतों के रास्ते झारखंड पहुंच रहे हैं। पता यह चला कि किसी मजदूर की कहीं भी किसी प्रकार की जांच नहीं की गई है।

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झारखंड के जिला गढ़वा थाना केतार पाचाडुमर निवासी राजेश, अरंगी निवासी बबलू, शिसरी निवासी कमलेश ने बताया कि इटावा में ही वे लोग काम करते हैं। इस दौरान कहीं भी उनकी जांच नहीं की गई है। मजदूरों का कहना है कि किसी तरह से घर पहुंच जाए बस वही काफी है। मजदूरों ने तीन दिन से भूखे रहने की बात कही। जांच न होने की बात मजदूरों ने बताई। इस तरह की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। मजदूरों ने कहा कि प्रसासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी गई है। कुछ मजदूर ट्रक से उतर कर झारखंड के केतार के लिए पैदल ही रवाना हो गए। बता दें कि कोन से केतार की दूरी लगभग 40 किमी है। ऐसी समस्याएं सिर्फ कोन ही नहीं बल्कि जनपद के विभिन्न हिस्सों में है।


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