मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र समेत 12 जनपदों के 23335 आदिवासियों को सौंपा वनभूमि का पट्टा
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बभनी स्थित सेवाकुंज आश्रम में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस पर वनाधिकार कानून के तहत पट्टा आवंटित किया। गया। मुख्यमंत्री ने 19580.67 लाख रुपये की 56 परियोजनाओं का लोकार्पण व 37963.69 लाख की परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बभनी स्थित सेवाकुंज आश्रम में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस पर सोनभद्र समेत 12 जनपदों के 23 हजार 335 आदिवासियों को वनाधिकार कानून के तहत पट्टा आवंटित किया गया। सोनभद्र के 3934 लाभार्थी रहे। सीएम ने मंच पर 12 लाभार्थियों को अपने हाथ से पट्टे का दस्तावेज सौंपा।
आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि जिन्हें अभी वनाधिकार कानून के तहत लाभ नहीं मिला है, वह निराश न हों। सभी पात्र लाभार्थियों को चरणबद्ध तरीके से वनाधिकार कानून के तहत पट्टा आवंटित किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 19580.67 लाख रुपये की 56 परियोजनाओं का लोकार्पण व 37963.69 लाख रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
कहा कि मानव सभ्यता के प्रारंभ से अपने संस्कृति को संजो कर रखने वाले आदिवासी समाज के उत्थान के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जनजातीय गौरव दिवस मनाने का मूल उद्देश्य भी यही है। जनसमूह से वादा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन सभी आदिवासी परिवार को आवास दिया जाएगा, जिनके सिर पर छत नहीं। इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया जाएगा।
कहा कि अगर किसी आदिवासी परिवार के पास घर बनवाने के लिए जमीन नहीं है तो उसे जमीन भी मुहैया कराई जाएगी। प्रदेश सरकार आदिवासी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए विभागीय समन्वय स्थापित किया गया है, ताकि कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। समारोह को समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरूम व समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड़ ने भी संबोधित किया।
आदिवासी समाज के लिए सेवा समर्पण संस्थान का कार्य सराहनीय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवा समर्पण संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के बाद से जिस तरह से आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य किया है, वह अपने आप में अनुकरणीय है। बिना किसी प्रशासनिक सहयोग के संस्थान ने आदिवासी समाज के बच्चों को पढ़ाने का काम किया है। संस्थान के छात्र आज आइएएस, पीसीएस, पीपीएस आदि बनकर देश व समाज का उत्थान कर रहे हैं। कहा कि पूरे देश में ऐसा कोई जनपद नहीं होगा जहां पर एक साथ 13 जनजाति समाज के लोग रहते हों। उन्होंने सभी 13 जनजातियों का नाम लेकर भी गिनाया।
इन जनपदों के रहे लाभार्थी
सोनभद्र, गोरखपुर, महाराजगंज, बलरामपुर, बहराइच, बिजनौर, मीरजापुर, सहारनपुर, चंदौली, ललितपुर, चित्रकुट व गोंडा।