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बर्न यूनिट का नहीं हुआ संचालन, परेशानी

जागरण संवाददाता सोनभद्र लाखों रुपये खर्च कर निर्मित प्लास्टिक एवं बर्न यूनिट का संचालन न होने से लोगों को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा रहा है। बर्न के रोगियों को सीटी स्कैन कक्ष के बगल वाले वार्ड में रखे जाने से बदबू फैल रही है और लोगों को वहां खड़ा होना मुश्किल होता जा रहा। इसके बावजूद प्लास्टिक व बर्न यूनिट अस्पताल को रोगियों के लिए नहीं खोला जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 05:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 09:37 PM (IST)
बर्न यूनिट का नहीं हुआ संचालन, परेशानी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : लाखों रुपये खर्च कर निर्मित प्लास्टिक एवं बर्न यूनिट का संचालन न होने से लोगों को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा रहा है। बर्न के रोगियों को सीटी स्कैन कक्ष के बगल वाले वार्ड में रखे जाने से दुर्गंध से पैरा मेडिकल स्टाफ व आने वाले रोगियों का जीना दुश्वार हो जा रहा है। इसके बावजूद प्लास्टिक व बर्न यूनिट अस्पताल को रोगियों के लिए नहीं खोला जा रहा है।

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संयुक्त चिकित्सालय परिसर में 22 बेड के प्लास्टिक एवं बर्न यूनिट अस्पताल का निर्माण 3.65 करोड़ रुपये में हुआ है। कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम ने जुलाई 2015 में भवन निर्माण के बाद उसे स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया लेकिन चार वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के बावजूद स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग इसका संचालन नहीं करा सका। सीढ़ी के नीचे चला रहे थे बर्न यूनिट

पूर्व में बर्न रोगियों को सीढ़ी के नीचे बने अस्थाई कक्ष की तरह हाल में बर्न यूनिट का संचालन किया जा रहा था। इस वार्ड में रोगियों की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं था। विरोध होने पर दो कुलर जरूर लगाए गए थे। हालांकि कुछ दिन बाद बर्न रोगियों को सीटी स्कैन के ठीक बगल में स्थित वार्ड में हस्तांतरित कर दिया गया।

दिया था आश्वासन

उद्घाटन के दौरान जिलाधिकारी एस राजलिगम ने बर्न रोगियों को सीटी स्कैन से दूर व सुरक्षित वार्ड देने का निर्देश दिया था लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई पहल नहीं की। जल्द संचालन की उम्मीद

चिकित्सकों व कर्मचारियों की तैनाती न होने से ट्रामा सेंटर व बर्न यूनिट का संचालन नहीं हो रहा है। शासन को पत्र भेज कर संसाधन उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई है। उम्मीद है कि जल्द ही संसाधन व चिकित्सकों की कमी को पूरा कर उसका भी संचालन शुरू करा दिया जाएगा।

- डा. एसके उपाध्याय, सीएमओ।


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