नक्सली गढ़ में एक साल से बीएसएनल सेवा बंद
जिले से सटे खलियारी से 12 किमी. दूर बिहार सीमा के पास नक्सलियों की गतिविधियों को लेकर प्रशासन भले ही चौकन्ना हो गया है लेकिन नक्सल प्रभावित विकास खंड नगवां क्षेत्र के सरईगाढ़ में ही सूचनाओं के माध्यम ध्वस्त हैं। यानी किसी भी घटना की सूचना तुरंत प्राप्त करना कठिन हो गया है। बीएसएनएल का मोबाइल टावर पिछ
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले से सटे खलियारी से 12 किमी. दूर बिहार सीमा के पास नक्सलियों की गतिविधियों को लेकर प्रशासन भले ही चौकन्ना हो गया है लेकिन, नक्सल प्रभावित विकास खंड नगवां क्षेत्र के सरईगाढ़ में ही सूचनाओं के माध्यम ध्वस्त हैं। यानी किसी भी घटना की सूचना तुरंत प्राप्त करना कठिन हो गया है। बीएसएनएल का मोबाइल टावर पिछले एक साल से बंद होने के कारण लोगों के मोबाइल में नेटवर्क गायब हो गया है। इससे संबंधित अगर कोई सूचना भी ग्रामीणों को पुलिस को देनी होगी तो वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता। क्योंकि टावर बंद होने से ग्रामीणों के मोबाइल में नेटवर्क नहीं रहता है।
भारत संचार निगम लिमिटेड की तरफ से सरईगाढ़ में 2008 में एक्सजेंच बनाकर मोबाइल टावर लगाया गया था। इससे क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को काफी राहत मिलती थी, लेकिन एक साल से टावर बंद होने से लोगों के मोबाइल से नेटवर्क गायब हो गया है। इससे पड़री, तेनुआ, करही, रतुआ, पनिकप, बेऊआं, रायपुर, रईयां, डोरियां, आमडीह, खलियारी, बलियारी आदि गांव के मोबाइल उपभोक्ता काफी परेशान है और सुरक्षा को लेकर भी काफी चितित हैं। शासन की तरफ से सभी थानों पर सरकारी मोबाइल सिम बीएसएनएल का ही दिया गया है। सरईगाढ़ का टावर को बंद रहने के कारण रायपुर थाने का सरकारी मोबाइल भी बंद रहता है और लोग संकट काल में जब थानेदार को फोन लगाने की कोशिश करते हैं तो टावर बंद होने की समस्या आ जाती है और बात नहीं हो पाती ह। जबकि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हु सरईगाढ़ टावर बहुत जरूरी है। यह टावर बिहार बार्डर के करीब नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। इसलिए इस सरईगाढ़ टावर का संचालन जनहित के लिए आवश्यक है। भाजपा नेता अनिल जायसवाल ने कहा कि टावर को संचालित किए जाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया, लेकिन उसके बाद भी सेवा बहाल नहीं हो सकी। बोले अधिकारी..
सरईगाढ़ में पहले बिजली का कनेक्शन नहीं था, इसलिए जनरेटर एक्सचेंज चलाया जा रहा था। कुछ दिनों बाद डीजल का पैसा मिलना बंद हो गया। इसके चलते मजबूरन मोबाइल टावर को बंद करना पड़ा। अब सौभाग्य योजना से गांव में बिजली पहुंच गई है। कनेक्शन के लिए बिजली विभाग में प्रस्ताव भेजा गया है।
-डीके सिंह, एसडीओ, बीएसएनएल।