पीसीएस परीक्षा पास कर बाबूलाल ने बढ़ाया मान
जासं कोन (सोनभद्र) मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती हैज्। ये पंक्तियां कोन क्षेत्र के घघिया गांव निवासी बाबूलाल खरवार पर फिट बैठती है। बाबूलाल खरवार ने गरीबी में पल कर भी पीसीएस की परीक्षा पास कर क्षेत्र का नाम रोशन तो किया ही बुजुर्ग पिता के सपनों को भी साकार कर दिया।
जासं, कोन (सोनभद्र) : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है ये पंक्तियां कोन क्षेत्र के घघिया गांव निवासी बाबूलाल खरवार पर सटीक चरितार्थ हो रही हैं। उप्र पीसीएस परीक्षा में 193वां स्थान हासिल कर बाबूलाल ने यह साबित कर दिया कि सफलता के लिए गरीबी आड़े नहीं आ सकती। बशर्ते लक्ष्य सटीक हो और दृढ़ संकल्प हो।
चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत खरौधी के टोला घघिया निवासी बाबूलाल को पीसीएस 2017 परीक्षा में 193वीं रैंक मिली है। रामदास खरवार के 35 वर्षीय पुत्र बाबूलाल ने चतुर्थ प्रयास में ही यह सफलता हासिल कर पिता के अरमानों को साकार कर दिया। बाबूलाल खुद का सपना था कि वे पीसीएस अधिकारी बनें। उन्होंने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए घर पर पांच से छह घंटे पढ़ाई करते थे। मुख्य तथ्यों को छोटी-छोटी पर्ची पर लिखकर रख लिया करता थे। जहां कहीं भी समय मिलता था उसको बार-बार देखा करते थे। राजकीय इंटर कालेज कोन में दैनिक मानदेय पर शिक्षण कार्य से जुड़ा तो वही पर कार्यरत गणित के अध्यापक महेंद्र प्रताप सिंह यादव से पीसीएस अधिकारी बनने की प्रेरणा प्राप्त की। बता दें कि बाबूलाल ने राजकीय इंटर कालेज कोन से हाई स्कूल व इंटरमीडिएट व स्नातक की शिक्षा राजकीय महाविद्यालय दुद्धी से प्राप्त किए हैं। मीरजापुर के केबीडीसी से अंग्रेजी में एमए व वाईडीपीजी कालेज लखीमपुर खीरी से बीएड की डिग्री हासिल की है।
इसके पूर्व बाबूलाल का 2010 में कनिष्ठ अनुवादक, रक्षा मंत्रालय में नियुक्ति हुई। वर्तमान में वह रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय इलाहाबाद में सेवारत हैं।