जल संरक्षण के लिए जागरूकता को बनाया हथियार
जितना ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे उतनी ज्यादा बारिश होगी। जब ज्यादा बारिश होगी तो उसे संचित करने का भी मौका मिलेगा। जितना ज्यादा वर्षा का जल हम संरक्षित करेंगे उतना ही ज्यादा भू-गर्भ जलस्तर सुधरेगा। यूं कहें तो जल बचेगा तभी जीवन भी बचेगा। इस तरह के वाक्य अक्सर राबर्ट्सगंज से सटे आस-पास के गांवों में भारतीय जन सहयोग ट्रस्ट के संस्थापक आशीष उपाध्याय कहते हैं। जल संरक्षण की बीड़ा उठा चुके श्री उपाध्याय गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जल संरक्षण के उपाय सुझाते हैं। उन्हें बताते हैं कि जल का महत्व क्या है।
जासं, सोनभद्र : जितना ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे, उतनी ज्यादा बारिश होगी। जब ज्यादा बारिश होगी तो उसे संचित करने का भी मौका मिलेगा। जितना ज्यादा वर्षा का जल हम संरक्षित करेंगे उतना ही ज्यादा भू-गर्भ जलस्तर सुधरेगा। यूं कहें तो जल बचेगा तभी जीवन भी बचेगा। इस तरह के वाक्य अक्सर राबर्ट्सगंज से सटे आस-पास के गांवों में भारतीय जन सहयोग ट्रस्ट के संस्थापक आशीष उपाध्याय कहते हैं। जल संरक्षण की बीड़ा उठा चुके श्री उपाध्याय गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जल संरक्षण के उपाय सुझाते हैं। उन्हें बताते हैं कि जल का महत्व क्या है।
गर्मी के दिनों में पेयजल का संकट होने व पानी के लिए तड़पते पशु-पक्षियों को देखकर एक बार आशीष उपाध्याय का दिल तड़पने लगा। वह घर गए और अपने घर के बाहर ही पक्षियों को पीने के लिए पानी का इंतजाम सकोरे बांधकर किया। उसके बाद अगले ही बारिश से उन्होंने ठान लिया कि जल संरक्षण की दिशा में मिसाल कायम करनी है। जल बचाने के लिए अब हर गांव, हर शहर के व्यक्ति को जागरूक करेंगे। फिर क्या शुरू कर दिया अभियान। अब तक करीब 50 से अधिक गांवों में लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक कर चुके हैं।