सस्ते बालू की उपलब्धता दूर की कौड़ी
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शासन के लाख कवायद के बाद भी सस्ते बालू की उपलब्धता संभव होते नहीं
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शासन के लाख कवायद के बाद भी सस्ते बालू की उपलब्धता संभव होते नहीं दिख रही है। इससे पक्के मकान का उम्मीद पाले लोगों को झटका लग सकता है वहीं महंगे बालू के कारण उनकी जेब भी ढीली होगी। कारण कि जनपद में अभी तक बालू की नई आवंटित लीज चालू नहीं हो सकी है। माइ¨नग प्लान ईसी से सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इन बालू साइटों पर अभी खनन का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर छह-छह माह के लिए आवंटित सभी खदानों की समय सीमा समाप्त हो गई है। इसके कारण पूरे पूर्वांचल के मार्केट में लाल बजरी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। उपलब्धता कम होने के चलते इसकी कालाबाजारी भी हो रही है।
प्रदेश सरकार के लाख आश्वासन के बाद भी बालू (लाल बजरी) सुगम और सस्ता मिलना अभी सपना सरीखे है। खरमास समाप्त हो गया है, अब लोग भवन निर्माण में लगेंगे। बावजूद इसके पूरे पूर्वांचल की मंडी में बालू उपलब्ध कराने वाले जनपद की बालू साइडें तकनीकी समस्याओं के कारण अभी बंद हैं। इस स्थिति में लोगों को दूसरे प्रदेशों से आ रहे महंगे बालू को खरीदना पड़ रहा है। खनन अधिकारी अनंत ¨सह ने बताया कि जिले में सात बालू की नई साइड चलाने के लिए टेंड¨रग प्रक्रिया हुई है। इसके अलावा दो साइड आरक्षित हैं एनएचआइ और यूपी डॉक के लिए जिसमें एनएचआइ ने अपनी फाइ¨लग प्रक्रिया को करीब-करीब पूरी कर ली है, जबकि यूपी डॉक ने अभी तक विभाग में किसी तरह की कोई उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। अन्य सात साइड संचालकों द्वारा माइ¨नग प्लान व ईसी के लिए प्रयास किया जा रहा है, उम्मीद है कि फरवरी के मध्य तक उन्हें इनकी तरफ से खनन की हरी झंडी मिल जाएगी। खनन चालू होते ही बालू की उपलब्धता सुगम हो जाएगी।
सात बालू साइडों को मिली है हरी झंडी
प्रदेश में बढ़ते बालू समस्या को देखते हुए शासन ने जनपद में सात बालू साइडों के संचालन की अनुमति प्रदान की है। खनन अधिकारी अनंत ¨सह ने बताया कि खेबंधा में तीन, बरहमोरी में तीन व एक खोखा में बालू साइड आवंटित की गई है। इसके अलावा एनएचआइ व यूपी डॉक के लिए दो आरक्षित बालू साइड क्रमश: खोखा व गोराडीह में चालू होंगी। अनंत ¨सह ने बताया कि पूर्वांचल की मंडियों में बढ़ती बालू की समस्या को देखते हुए जल्द ही छह-छह माह के बालू आवंटन वाली साइडों को चालू करने का भी विचार चल रहा है। उम्मीद है कि छह से सात और बालू साइडों को चालू किया जायेगा, ताकि बालू के किल्लत को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाय।
सस्ते बालू की उम्मीद छोड़ दीजिए जनाब
प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले नारा दिया कि बालू-गिट्टी सस्ता होगा, हर गरीब का घर पक्का होगा..। जो अभी फलीभूत नहीं हो सका है। छह-छह माह के लिए आवंटित बालू साइडों की बोली 600 प्रति घन मीटर की लगी थी जिसके क्रम में बालू साइड संचालकों ने प्रति ट्रक बालू 20 से 22 हजार रुपये की बिक्री की। महंगे बालू को लेकर खूब हो हल्ला मचा। इसी बीच नए बालू साइडों की बोली सरकार ने लगाई और राजस्व कमाने के चक्कर में यह बोली पहुंच गई 1366 प्रति घन मीटर पर लगी। अब यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 600 प्रति घन मीटर की बोली पर बालू 22 हजार ट्रक बिक रहा था तो 1366 रुपये प्रति घन मीटर की बोली पर एक ट्रक बालू का दाम क्या होगा।
अभी मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की बालू से चलाना होगा काम
वर्तमान समय में पूर्वांचल की मंडियों में मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की बालू की सप्लाई हो रही है। इतने दूर से बालू मंगवाने के कारण उपभोक्ताओं को अधिक भाड़ा देना पड़ता है जिसके कारण उनके पास बालू पहुंचते-पहुंचते दाम बढ़ जाता है। जनपद में आवंटित बालू साइडों को चालू होने में अभी करीब एक से डेढ़ माह का समय है। इस लिहाज से जरूरतमंद लोगों को अभी दूसरे प्रदेश के बालू से ही काम चलाना पड़ेगा।
इन जगहों पर चालू होगी बालू साइड
खोखा : एक बालू साइड
बरहमोरी : तीन बालू साइड
खेबंधा : तीन बालू साइड
आरक्षित ..
खोखा : एनएचआइ
गोराडीह : यूपी डॉक