कोयले की किल्लत दूर करने की कवायद
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : मानसून सत्र के दौरान उत्पादन निगम के विद्युत गृहों में कोयले की उपलब्धता बढ़
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : मानसून सत्र के दौरान उत्पादन निगम के विद्युत गृहों में कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। कोल इंडिया की एनसीएल, बीसीसीएल व सीसीएल से 68 हजार टन कोयला प्रतिदिन मिलना तय हुआ है। कोयले की आपूर्ति में किसी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए एनसीएल सहित अन्य कोयला कम्पनियों के बकाये का भुगतान किया जा चुका है।
अनपरा दौरे पर आए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के निदेशक तकनीकी बीएस तिवारी ने बताया कि एनसीएल से इस समय 36 हजार टन के सापेक्ष प्रतिदिन लगभग 40 हजार टन कोयला प्राप्त हो रहा है। बताया कि वर्तमान में ओबरा परियोजना में 50 दिन का, अनपरा में 11 दिन का, हरदुआगंज में 9 दिन का एवं पारीछा विद्युत गृह में 14 दिन का कोयले का स्टाक है। बरसात से पूर्व अनपरा, हरदुआगंज विद्युत गृहों में कोयले का स्टाक बढ़ाने की कवायद की जा रही है। निदेशक तकनीकी ने दावा किया कि गर्मी व मानसून के दौरान प्रदेश में विद्युत की किल्लत नहीं होगी। सोमवार को 400 मेगावाट की थर्मल बै¨कग के बावजूद भी 4200 मेगावाट विद्युत का उत्पादन निगम की परियोजनाओं से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ओबरा की 12वीं इकाई को भी मंगलवार तक लाइटअप किए जाने के प्रयास जारी हैं। आगामी तीन-चार दिनों में इस इकाई से भी विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान लैंको के यूनिट हेड संदीप गोस्वामी भी अपने सहयोगियों के साथ निदेशक तकनीकी से मिले। उन्होंने बताया कि लैंको परियोजना में महज ढाई दिन हेतु कोयले का स्टाक है। उन्होंने निदेशक तकनीकी से आग्रह किया कि उनकी परियोजना में भी कोयले की आपूर्ति बढ़ाए जाने में मदद की जाए। स्विचयार्ड में लगी आग की जांच पूरी
अनपरा (सोनभद्र) : 28 मई की रात्रि अनपरा परियोजना के स्विचयार्ड में लगी आग की जांच पूरी हो गई है। निदेशक तकनीकी बीएस तिवारी ने बताया कि जांच के दौरान ओबरा एंड पर लापरवाही पायी गई है। दोषियों को चिन्हित कर परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के उपरांत आगामी कार्रवाई की जाएगी।