भुगतान न होने से क्षुब्ध संविदाकारों ने बंद किया काम
पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन अंतर्गत गढ़वा से सिगरौली तक चल रहे दोहरीकरण के कार्य में लगे संविदाकारों व उनके कर्मचारियों ने बकाया का भुगतान न होने के विरोध में काम ठप कर रखा है। इस दौरान संविदाकारों ने जल्द ही भुगतान कराए जाने की मांग किया। रेणुकूट-चोपन के मध्य दोहरीकरण के कार्य मे लगे मंगलमूर्ति कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी के संविदाकारों ने बीते 15 दिनों से कार्य ठप कर दिया है। कंपनी के पेटी ठेकेदार मोहन व राजेन्द्र यादव का कहना है
जागरण संवाददाता, रेणुकूट(सोनभद्र) : पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन के तहत गढ़वा से सिगरौली तक चल रहे दोहरीकरण के कार्य में लगे संविदाकारों व उनके कर्मचारियों ने बकाया का भुगतान न होने के विरोध में काम ठप कर रखा है। इस दौरान संविदाकारों ने जल्द ही भुगतान कराए जाने की मांग किया।
रेणुकूट-चोपन के मध्य दोहरीकरण के कार्य मे लगे मंगलमूर्ति कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी के संविदाकारों ने बीते 15 दिनों से कार्य ठप कर दिया है। कंपनी के पेटी ठेकेदार मोहन व राजेन्द्र यादव का कहना है कि उनका एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान कंपनी के पास रुका हुआ है। लगातार आश्वासन के बावजूद जब भुगतान नहीं किया गया तो उनको मजबूरन कार्य बंद करना पड़ा। कार्य ठप करने वाले कर्मचारियों एवं संविदाकारों ने तत्काल अपने बकाए भुगतान की मांग की। हड़ताली संविदाकारों ने कहा कि लिखित आश्वासन के बावजूद अभी तक भुगतान न किए जाने से क्षुब्ध होकर मजबूरन काम ठप करना पड़ा। कर्मचारियों के हड़ताल के बाद रेलवे के दोहरीकरण कार्य को बड़ा झटका लगा है। दोहरीकरण कार्य ठप होने की वजह से रेलवे के अधिकारियों व कंपनी के लोगों के कान खड़े हो गए हैं। हड़ताली संविदाकारों ने कहा कि वर्ष भर में आने वाला होली का त्यौहार नजदीक है। इसके बावजूद अभी तक भुगतान की प्रक्रिया नहीं पूर्ण की गई है। ऐसी दशा में वे अपने कर्मचारियों को क्या देंगे। उन्होंने बकाए के संपूर्ण भुगतान न होने तक काम बंद रखने की चेतावनी कंपनी को दी है। इस संबंध में रेलवे के डिप्टी चीफ सूरज कुमार से बात की गई तो पहले तो उन्होंने काम बंद होने से ही इंकार कर दिया उनका कहना था कि काम चल रहा है। परन्तु जब उन्हें बताया गया कि काम ठप है, तब उन्होंने पांच दिन पूर्व से काम बंद होने की बात स्वीकार किया और कहा कि वे इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते। क्योंकि उक्त कार्य मंगलमूर्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कराया जा रहा है, इसलिए कंपनी के लोग ही इस बारे में बता सकते हैं।