टेक्निकल के चक्कर में फंसा सब स्टेशन
अक्सर कहा जाता है कि विद्युत विभाग में टेक्निकल कर्मियों की कमी है। इस लिए न तो बेहतर बिजली आपूर्ति हो पाती है और न ही समय से खराबियों को दूर किया जाता है। लेकिन वास्तविक कुछ और ही है। हालत यह है कि उप खंड अधिकारी कार्यालय में टेक्निकल कर्मियों को बैठाकर उनसे बाबूगिरी करायी जा रही है और कई सबस्टेशनों पर टेक्निकल काम को सामान्य लोग यानि नान टेक्निकल कर रहे हैं। इससे अक्सर दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अक्सर कहा जाता है कि विद्युत विभाग में टेक्निकल कर्मियों की कमी है। इसलिए न तो बेहतर बिजली आपूर्ति हो पाती है और न ही समय से खराबियों को दूर किया जाता है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। हालत यह है कि उप खंड अधिकारी कार्यालय में टेक्निकल कर्मियों को बैठाकर उनसे बाबूगीरी करायी जा रही है और कई सब स्टेशनों पर टेक्निकल काम को सामान्य लोग यानि नान टेक्निकल कर रहे हैं। इससे अक्सर दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है।
जी हां, इसका खुलासा हुआ दैनिक जागरण टीम द्वारा किए गए आफिस लाइव में। बुधवार को दोपहर में टीम जब उप खंड अधिकारी कार्यालय राबर्ट्सगंज में पहुंची तो वहां एसडीएम की कुर्सी खाली थी। कैमरे का फ्लैश जब कुर्सी की ओर चमका तो वहां काम करने वाले अन्य कर्मी अपने अधिकारी का बचाव करते नजर आये। एक कर्मी तो तपाक से बोल पड़ा, साहब की तबियत खराब है। इसलिए अभी आए नहीं हैं। जब विभाग के अन्य कार्यों की पड़ताल की गई तो पता चला कि यहां कर्मियों की कमी है। स्वीकृत लिपिक के पद के सापेक्ष टेक्निकल कर्मी से कार्य कराया जा रहा है। वहीं दो कर्मी संविदा पर हैं। रेगुलर लाइनमैनों की संख्या भी महज एक ही है, जबकि शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं की संख्या नौ हजार के आस-पास है। 50 फीसद उपभोक्ता जमा करते हैं बिल
सोनभद्र : विद्युत वितरण खंड राबर्ट्सगंज से जुड़े उप खंड कार्यालय राबर्ट्सगंज में बिजली का बिल जमा करने की भी व्यवस्था है। यहां के करीब नौ हजार उपभोक्ताओं में से 50 फीसद उपभोक्ता नियमित रूप से बिल जमा करते हैं। इसके अलावा यहां विद्युत बिलों में सुधार भी कराया जाता है। कई सबस्टेशन नान टेक्निकल के जिम्मे
विद्युत विभाग के उपखंड अधिकारी कार्यालय राबर्ट्सगंज में लिपिक का काम टेक्निकल कर्मी से कराया जा रहा है। जबकि वास्तव में इनकी ड्यूटी सबस्टेशनों पर पर होनी चाहिए। आफिस लाइव के दौरान पता चला कि जिले के कुछ ऐसे भी सब स्टेशन हैं जहां पर प्राइवेट फर्म के माध्यम से संचालन कराया जा रहा है। वहां प्राइवेट लोगों को रही रखा गया है। इनमें कई ऐसे हैं जो नान टेक्निकल हैं। इसी चक्कर में जुलाई माह में पसही विद्युत उपकेंद्र पर हादसा भी हुआ था।