एयरपोर्ट की भेंट चढ़ेंगे 464 पेड़
रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चिन्हित म्योरपुर हवाई पट्टी को एयरपोर्ट का रूप दिया जा रहा है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं। एयरपोर्टर के एरिया विस्तार के लिए आस-पास की जमीन को चिन्हित कर उन्हें खरीदने का काम भी शुरू कर दिया गया है। वहीं वन विभाग व कास्तकारों की जमीन में लगे पेड़ों की कटान के लिए विभागीय स्तर से कार्यवाही अंतिम रूप दिया जा रहा है। वन विभाग ने एयरपोर्ट के लिए यहां के कुल 464 पेड़ों की बली देने के लिए चिन्हित किया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के साथ ही एसडीएम को भी भेज दी गई है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : एयरपोर्ट विस्तार के लिए प्रशासनिक स्तर से तैयारियां तेज हो गई हैं। रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चिह्नित म्योरपुर हवाई पट्टी को एयरपोर्ट का रूप दिया जाने लगा है। एरिया विस्तार के लिए आसपास की जमीन चिह्नित कर खरीदने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। वन विभाग व कास्तकारों की जमीन में लगे पेड़ों की कटान के लिए विभागीय स्तर से कार्रवाई अंतिम रूप में है। वन विभाग ने एयरपोर्ट के लिए यहां के कुल 464 पेड़ों की बलि देने के लिए चिह्नित किया है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के साथ ही एसडीएम को भी भेज दी गई है।
सूत्रों की मानें तो म्योरपुर हवाई पट्टी के विस्तार व विकास के लिए तेजी से काम चल रहा है। आसपास के इलाकों में वन विभाग की 3.6202 हेक्टेयर, कास्तकारों की करीब 7.4009 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहित करने की रणनीति बनी है। जमीन को चिह्नित कर इसे लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कास्तकारों की जमीन लेने के लिए शासन स्तर से 8.27 करोड़ रुपये जिलाधिकारी के खाते में आ चुके हैं। वहीं वन विभाग को जमीन के बदले जमीन दी जा रही है। यह जमीन वहां से करीब 15 किमी दूर म्योरपुर ब्लाक के ही आरंगपानी में मिल रही है। शेष एयरपोर्ट के आसपास वन विभाग की जमीन में 255 व कास्तकारों की जमीन में 209 पेड़ ऐसे हैं जिन्हें कटान के लिए चिह्नित किया गया है। उनकी नंब¨रग भी करा दी गई है। काफी सुस्त है जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया
एयरपोर्ट के विकास व विस्तार के लिए वन विभाग की जो जमीन ली जानी है उसके बदले में आरंगपानी में जमीन मिलेगी। जमीन चिह्नित भी कर ली गई है। इसे वन विभाग को देने की दिशा में काम भी शुरू किया गया है लेकिन गति काफी सुस्त है। आलम यह है कि एयरपोर्ट के समीप म्योरपुर व हरहोरी बीट के 255 पेड़ों को काटने के लिए नंब¨रग आदि की जा रही है, लेकिन अभी तक इसके बदले आरंगपानी में मिलने वाली जमीन की सिर्फ पैमाइश ही हुई है। ऐसे में यहां पेड़ भी काट दिए जाएंगे और उधर जमीन में पौधरोपण भी वन विभाग ने ठीक से नहीं कराया है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर दिनेश कुमार बताते हैं कि जमीन मिलने वाली है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इमारती लकड़ियों का है जंगल
म्योरपुर में हवाई पट्टी के आस-पास वन विभाग की जमीन में व कास्तकारों की जमीन में इमारती लकड़ियां ज्यादा हैं। वन विभाग के डिप्टी रेंजर दिनेश कुमार ने बताया कि कास्तकारों की जमीन में कटान के लिए 209 पेड़ चिह्नित किए हैं। इनमें ज्यादातर तो सागौन के पेड़ हैं, जबकि वन विभाग की जमीन में कटने वाले 255 पेड़ों में सागौन, आसन के अलावा पलाश आदि के वृक्ष लगे हुए हैं।