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कोविड से महिला की मौत, अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी

ऐलिया के त्रिलोकापुर में महिला की थमीं सांसें सीएचसी अधीक्षक बोले- अंतिम संस्कार राजस्व विभाग की जिम्मेदारी

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 12:21 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 12:21 AM (IST)
कोविड से महिला की मौत, अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी
कोविड से महिला की मौत, अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी

सीतापुर : एलिया के त्रिलोकापुर में कोविड संक्रमित महिला की शनिवार सुबह मौत हो गई। इसके अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकाल के बारे में बताने वाला कोई भी जिम्मेदार नहीं दिखा। यह महिला शुक्रवार को पूरे दिन तड़पती रही।

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परिवारजन ने बताया, स्वास्थ्य कर्मी पहले दिन आए थे। परिवार के सदस्यों को कोविड टेस्ट को सैंपल लिया था। शुभम, आनंद समेत चार लोगों को दवा दे गए थे। पीड़ित महिला को कोई दवा भी नहीं दी थी। इसके बाद कोई झांकने तक नहीं आया है।

शुभम ने बताया, उसकी मां रीता पिछले कई दिनों से बीमार थी। वह तीन दिन तक जिला अस्पताल में भर्ती रही। लाभ न होने पर निजी अस्पताल ले गया, जहां डाक्टर ने उसकी मां को आइसीयू की जरूरत बताई। फिर वह 28 जुलाई की देर शाम रीता को लखनऊ विवेकानंद अस्पताल ले गया। वहीं रात में कोविड टेस्ट हुआ जिसमें वह पाजीटिव आई थी। फिर सुबह वह मां को घर ले आया था। गुरुवार को शुभम के पास परसेंडी सीएचसी से दो व एलिया सीएचसी से एक फोन पता जानने को आया था। गुरुवार दोपहर को कुछ स्वास्थ्य कर्मी भी आए थे। इन लोगों ने 57 लोगों के कोविड टेस्ट को सैंपल लिए थे। शुभम ने बताया, उसकी मां को कई दिनों से बुखार आ रहा था।

जिम्मेदारों की अनदेखी में गई संक्रमित महिला की जान

48 वर्षीय रीता का कोविड टेस्ट विवेकानंद अस्पताल में ट्रूनेट से हुआ था। टेस्ट होने की रात में ही रिपोर्ट सीएमओ को प्राप्त हो गई थी। सवाल यह है कि सीएमओ की टीमों को कोविड पाजिटिव रीता के स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए थी। स्थिति नाजुक होने पर उसे एल-2 कोविड अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। यही नहीं, रीता की मौत के बाद भी उसके अंतिम संस्कार में परिवारजन को कोविड प्रोटोकाल बताने तक कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा।

वर्जन-

शुक्रवार को हम सीएल लगाकर घर चले आए थे। हमारा विभाग ट्रीटमेंट तक सीमित है। इसके बाद अंतिम संस्कार आदि में राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है। महिला को विवेकानंद से ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था। परिवारजन घर ले आए थे। हमने फोन किया, टीम भेजी भर्ती के लिए प्रेरित किया, पर रीता के घर वालों ने लिखकर दिया कि भर्ती नहीं कराएंगे।

- डा. कुमार गौरव, अधीक्षक-एलिया सीएचसी


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