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गोबर से बने दीपक के साथ, जगमग होगी दीपावली की रात

प्रकाश पर्व दीपावली में परंपराओं के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण की झलक मिलेगी। पर्व में प्रकाश के साथ साथ मिट्टी के दीपक का सोंधापन व गाय के गोबर की सुगंध भी शामिल होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:26 PM (IST)
गोबर से बने दीपक के साथ, जगमग होगी दीपावली की रात
गोबर से बने दीपक के साथ, जगमग होगी दीपावली की रात

विनीत पांडेय, सीतापुर: प्रकाश पर्व दीपावली में परंपराओं के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण की झलक मिलेगी। पर्व में प्रकाश के साथ साथ मिट्टी के दीपक का सोंधापन व गाय के गोबर की सुगंध भी शामिल होगी। यह दीपक जब घर की बालकनी, चौखट में अपना प्रकाश फैलाएंगे तो देश भक्ति, आध्यात्म के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश मिलेगा। यह कार्य पशु सेवा समिति प्रदेश अध्यक्ष विजय सेठ करने जा रहे हैं। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर देशी गाय के गोबर से सुंदर दीपक बनाने शुरू किए हैं। दीपावली में यह दीपक सामान्य दर पर लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे। विजय सेठ का कहना है एक दिन मेरे मन में गोबर के दीपक बनाने का विचार आया। अपने साथियों से विचार साझा किया। साथियों के सहमति पर नागपुर व उरई सांचे मंगाए। काम शुरू करा दिया,दो कारीगरों को रोजगार भी मिल गया। रंग बिरंगे आकर्षक दीपक तैयार होना शुरू भी हो गए हैं। गोशाला से प्राप्त कर रहे गोबर दीपक के लिए देशी गाय का गोबर प्राप्त करने के लिए शहर के मध्य बनी बट्सगंज गोशाला से संपर्क किया है। वहां से गोबर लिया जा रहा है। दीपावली नजदीक आते आते ज्यादा गोबर की जरूरत पड़ सकती है। उसके लिए भी अन्य गोशाला से बात की जा रही है। लालबाग पर लाएंगे काउंटर विजय सेठ ने बताया दीपकों को आमजन तक उपलब्ध कराने के लिए लालबाग चौराहे या मुख्य बाजार में उपलब्ध स्थान पर काउंटर लगाया जाएगा। जहां से दीपकों की सामान्य दर में बिक्री की जाएगी। काउंटर के लिए नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी वैभव त्रिपाठी की सहमति मिल चुकी है। फेंकने के बजाए गमलों में डाल दें विजय सेठ का कहना है दीपकों को प्रयोग के बाद फेंकने के बजाए घर में रखे गमलों, फुलवारी आदि में डाल दें। यह पानी के पड़ने पर धीरे धीरे गल जाएंगे। जो पौधों के लिए खाद का काम करेंगे। वर्ष 2013 से कर रहे बेसहारा पशुओं की सेवा

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पशु सेवा समिति की स्थापना 2013 में की गई थी। समिति के माध्यम से अब तक 2200 से अधिक बेसहारा गोवंशों का उपचार, व अन्य पशु पक्षियों की सेवा की जा चुकी है।

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नंबर गेम

02 प्रकार के दीपक किए जा रहे तैयार

07 रुपया लगभग बड़े दीपक में आ रही लागत

05 रुपया लगभग छोटे दीपक में आ रही लागत

500 दीपक पिछले दस दिनों में हो चुके तैयार

03 हजार लगभग दीपक दीपावली तक बनाए जाएंगे।


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