सर्दी आई, शुरू हुई रजाई गद्दों की भराई
- रजाई गद्दों की भराई का काम हो गया है शुरू चौराहों पर रजाई गद्दों की मशीनें लग गई हैं।
सीतापुर: ठंडक में रात्रि विश्राम के समय रजाई गद्दे की गुनगुनाहट में ही सुकून की नींद आती है। ठंडक में सुकून भरी नींद के लिए लोगों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी से ही रजाई गद्दों को बनवाने लगे हैं। सर्दी की आहट शुरू होने के साथ ही क्षेत्र में रजाई-गद्दे की भराई का काम शुरू हो गया है।
शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों में रुई की धुनाई करने वाली मशीनें नजर आने लगी हैं। लोग रुई की धुनाई कराने व रजाई गद्दों की भराई कराने के लिए पहुंचने लगे हैं। जिस हिसाब से मौसम ने अचानक से परिवर्तन किया है, उससे गत वर्ष की तुलना में इसबार ठंडक ज्यादा पड़ने के भी आसार हैं। मौसम को देखते हुए इसबार रुई की धुनाई व भराई का काम अच्छा चलने की उम्मीद भी है।
एक दिन में भर रहे आठ से दस रजाई गद्दे
शहर के बहुगुणा चौराहे पर मशीन लगाकर रुई की धुनाई कर रहे जब्बार का कहना है एक सप्ताह से रुई धुनाई व भराई का काम शुरू किया है। अब ठंडक शुरू हुई है इसलिए अभी ज्यादा ग्राहक नहीं आ रहे हैं। धीरे धीरे आना शुरू हो जाएंगे फिर भी अभी प्रतिदिन आठ से दस रजाई गद्दों को भरने का काम कर रहे हैं। एक रजाई में औसतन चार से पांच किलो जबकि गद्दे में तीन से चार किलो रुई भरते हैं। जब ठंडक के दिन बढ़ेंगे तो एक दिन में पंद्रह से बीस रजाई गद्दों की भराई का काम होगा। उन्होंने बताया रुई की धुनाई बीस रुपया किलो के हिसाब से लेते हैं। रजाई की भराई 120 रुपये जबकि गद्दे की भराई 100 रुपया है।
चार किस्म की है रुई
रुई व लिहाफ विक्रेता असलम ने बताया उनके पास फाइवर, तीन प्रकार की साफ्ट रुई हैं। फाइवर रुई की कीमत 160 रुपया जबकि साफ्ट रुई भी तीन तरह की हैं। साफ्ट रुई की कीमत 80 रुपया, 140 रुपया, 130 रुपया किलो हैं। वहीं लिहाफ भी 110 रुपया मीटर व उससे अधिक के हैं।