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यूपीएससी में मेधा की चमक, उत्कर्ष की 740वीं रैंक

रोटीगोदाम के निवासी उत्कर्ष के पिता दीवानी न्यायालय में है कर्मचारी

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 12:35 AM (IST)
यूपीएससी में मेधा की चमक, उत्कर्ष की 740वीं रैंक
यूपीएससी में मेधा की चमक, उत्कर्ष की 740वीं रैंक

सीतापुर: रोटी गोदाम निवासी उत्कर्ष नारायण का चयन संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी परीक्षा में हुआ है। उत्कर्ष ने 740वीं रैंक हासिल कर परिवार व जिले का नाम रोशन किया है। उत्कर्ष के पिता प्रेम नारायण दीवानी न्यायालय में कार्यरत हैं। जबकि मां पूनम नारायण गृहणी हैं, छोटा भाई सर्व नारायण एक निजी कंपनी में इंजीनियर है। उत्कर्ष ने सेक्रेड हार्ट इंटर कालेज में नर्सरी से माध्यमिक तक शिक्षा ग्रहण की। हमेशा अव्वल नंबर से पास होने वाले उत्कर्ष के मन में बचपन से ही आइएएस बनने का सपना था। जब इंटरमीडिएट पास करके वह दिल्ली स्नातक करने पहुंचे तो उनके सपनों को आधार मिलना शुरू हो गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिदू कालेज से बीएससी आनर्स रसायन विज्ञान से किया। इसी दौरान वह स्वयं ही तैयारी में जुट गए थे। स्नातक पूरा करने के बाद उन्होंने आन लाइन क्लास ज्वाइन कर सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी शुरू की। उत्कर्ष का कहना है अभी वह अपनी तैयारी का क्रम जारी रखेंगे और आइएएस बनकर देश सेवा करेंगे। अपनी सफलता का श्रेय अपने रोमन सैनी, गुरुजनों, माता, पिता, भाई को देते हैं। उनका कहना है कि इन्हीं लोगों के प्रोत्साहन की बदौलत ही आज यह सफलता मिल सकी है।

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चित्र: 25 एसआइटी 38

देश सेवा करने के साथ बनेंगी मां का सहारा

संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी परीक्षा में प्रतीक्षा सिंह ने 662वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है। प्रतीक्षा का जन्म गोंदलामऊ विकासखंड के इस्माइलगंज में हुआ। जब वह महज दो वर्ष की थीं तब पिता राकेश सिंह का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद माता गुड्डी सिंह मायके नवीपनाह लखनऊ चली गईं। मायके में रहते हुए पहले एक निजी स्कूल में काम किया व बाद में नवोदय में वार्डेन पद पर रहीं। प्रतीक्षा ने एमटी यूनीवर्सिटी से बीटेक किया व लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए राजनीति विज्ञान से किया। उसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी की और तीसरे प्रयास में सफलता अर्जित की। अपनी सफलता का श्रेय मां व गुरुजनों को देती हैं। उनका कहना है मां ने बहुत संघर्षों के साथ मुझे पढ़ाया है अब मां की सेवा करूंगी।


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