पैदल मार्च निकाल यातायात के प्रति जागरुक किया
सीतापुर: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की याद में रविवार को विश्व स्मृति दिवस मनाया ग
सीतापुर: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की याद में रविवार को विश्व स्मृति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के तहत सुबह के आठ बजे तरणताल स्टेडियम गेट से जागरूकता के लिए पैदल मार्च निकाला गया। मार्च में भारी संख्या में आम-वो-खास, अफसर, नौकर, मजदूर, महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने हिस्सा लिया। मकसद सिर्फ एक था, कि सड़क हादसे कैसे रूकें और लोग कैसे इतना जागरूक हों। पैदल मार्च कर जागरूक किया, और तरणताल पर शपथ भी ली, कि यातायात नियमों को नहीं तोड़ेंगे। एसपी प्रभाकर चौधरी, एडीएम विनय कुमार पाठक, सीओ सिटी, खेल अधिकारी नरेश चंद शामिल थे। शाम को लालबाग से इसी कार्यक्रम के तहत कैण्डल मार्च निकाला गया।
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सड़क हादसों से हर साल होता है 58 अरब डालर का नुकसान
एआरटीओ डा. उदित नारायन पांडेय ने बताया कि बात सड़क हादसों की करें तो हत्या, आतंकवाद, भूकंप, तूफान से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। अपने जिले में हर साल तकरीबन 15 सौ लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं और साढ़े तीन से चार हजार लोग घायल होते हैं। प्रदेश में तो साल 2017 में 20124 लोग सड़क हादसों में मारे गए थे। जबकि इस साल हत्या में महज पांच हजार लोग मारे गए। इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक 17 हजार लोग सड़क हादसों में मारे जा चुके हैं। बात पूरे देश की करें तो भारत में साल 2017 में एक लाख 47 हजार लोग मारे गए थे। देश में हर घंटे 17 व हर दिन करीब 450 मौतें मार्ग दुघर्टनाओं से होती हैं। हर साल करीब 15 सौ लोग अपंग होते हैं। विश्व में सबसे अधिक सड़क हादसे भारत में होते हैं। यहां पूरी दुनिया के महज एक फीसदी वाहन हैं, जबकि हादसे पूरी दुनिया के 10 फीसदी अपने ही देश में होते हैं। सड़क हादसों से तीन फीसदी जीडीपी यानी 58 अरब डालर का नुकसान हर साल होता है।