'भविष्य' को देख फिर खिलखिला उठे स्कूल
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर जारी गाइडलाइन के तहत क्लास रूम में बचों को बैठाया। ग्रामीण विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों ने विद्यार्थियों को बांटे मास्क।
सीतापुर : कोरोना संक्रमण के कारण बंद चल रहे विद्यालयों में रौनक फिर लौट आई है। बुधवार से प्राथमिक विद्यालय खोल दिए गए। अब तक विद्यार्थियों को घर पर ही आनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही थी। संक्रमण के नियंत्रित होने और मरीजों की संख्या घटने पर सरकार ने एक सितंबर से विद्यालयों को खोलने के निर्देश दिए थे। छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षक-शिक्षिकाओं व अन्य स्टाफ को कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
बहरहाल, लंबे अंतराल के बाद सहपाठी मिले तो वे काफी खुश नजर आए। मस्ती व ढेर सारी बातें भी कीं। अध्यापक भी बच्चों को आनंदित देखकर प्रसन्न दिखे। दरअसल, लंबे समय के बाद विद्यालय गुलजार हुए। विद्यालय के गेट पर ही कर्मचारियों ने थर्मल जांच की और हाथों को सैनिटाइज कराया। प्रधानाध्यापकों ने विद्यार्थियों को गाइडलाइन के बारे में बताया। वहीं, शारीरिक दूरी के मानक के तहत शिक्षकों ने क्लास रूम में छात्र-छात्राओं को बैठाया। बच्चों का पहला दिन बहुम अच्छा व्यतीत हुआ।
प्राथमिक विद्यालय पिसावां में प्रधानाध्याक श्रवण कुमार सिंह ने सभी बच्चों को मास्क वितरित किए। प्राथमिक विद्यालय अमटामऊ में प्रधानाध्यापक चंद्रकांत अवस्थी ने बच्चों को कोविड प्रोटोकाल के बारे में बताया। साथ ही नियमित रूप से विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया।
प्राथमिक विद्यालय अटरिया में अध्यपिका डिपल ने बच्चों को शारीरिक दूरी के मुताबिक बैठाया। प्राथमिक विद्यालय सरेना में प्रधानाध्यापक चंद्र प्रकाश मौर्य ने बताया की दो पालियों में कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। प्राथमिक विद्यालय सरौरा में प्रधानाध्यापिका उमा श्रीवास्तव ने विद्यालय दो शिफ्टों में चलाने की बात कही।
प्राथमिक स्कूल मिश्रिख, सिधौली के प्राथमिक विद्यालय अलादातपुर द्वितीय में प्रधानाध्यापिका समीना हनीफ सहायक मलती देवी सुबोध कुमार शशिकला मौर्या शिक्षामित्र बिमला राज अर्चना शुक्ला ने नियमों का अनुपालन कराया। प्राथमिक विद्यालय नैमिषारण्य में भी बच्चों में उत्साह दिखा। स्कूल खुला तो मेज से निकले सांप
संसू, थानगांव, (सीतापुर) : कंपोजिट विद्यालय सरैंया भटपुरवा के एक कमरे में दो सांप निकले, जिन्हें देखकर शिक्षक और बच्चे घबरा गए। गनीमत रही कि सांपों ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन, ग्रामीणों ने एक सांप को मार दिया, जबकि दूसरा भाग गया।
संपन्न सिंह कक्षा में बच्चों के बैठने की व्यवस्था कराने के लिए दाखिल हुए। उनके पीछे बच्चे भी कमरे में पहुंच गए। कमरे में रखी मेज की दराज में दो सांप बैठे दिखे। इसके बाद शोर मचा तो ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए। प्रधानाध्यापक जगदीश सिंह ने बताया कि स्कूल से कुछ दूरी पर जलभराव है। संभवत: सांप वहीं से आए होंगे।