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महसुनियागंज में दलदल के बीच पाठशाला

प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय अतिथि का दर्जा प्राप्त जैन धर्म की सर्वाेच्च साध्वी आर्यिका ज्ञानमती का महमूदाबाद कार्यक्रम तय हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 11:14 PM (IST)
महसुनियागंज में दलदल के बीच पाठशाला
महसुनियागंज में दलदल के बीच पाठशाला

महोली (सीतापुर) : कस्बे के मुहल्ला महसोनियागंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में कीचड़ और जलभराव है। इस कारण मच्छरों की भरमार है। मच्छरों के कारण विद्यालय कक्षा-कक्षों में दिन में भी बैठना मुश्किल हो रहा है। संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ा है। इसलिए स्कूल आने में बच्चे हिचकिचाते हैं। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है। फिलहाल बच्चों को पड़ोस के प्राथमिक विद्यालय भवन में बैठाया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय परिसर में दलदल कोई नई बात नहीं है, इसके कई महीने हो गए हैं। शिक्षकों के मुताबिक इस समस्या को लेकर उन लोगों ने कई बार नगर पंचायत में भी शिकायत दर्ज कराई है पर, सुनवाई नहीं हुई है। इस दलदल में बड़ी-बड़ी घास है, विषैले जीव-जंतु घूमते दिखते हैं। विद्यालय के समीप नाला है, जो चोक है इसलिए रास्ते पर भी जलभराव है। अध्यापिका रमन मिश्रा का कहना है कि स्कूल परिसर में दलदल के कारण नेवला, गोह, सांप आदि विषैले जीव-जंतुओं ने डेरा डाल लिया है। इस दलदल के कारण ही विद्यालय भवन की दीवारों में शीलन है और वे चिटक गई हैं। इन तमाम समस्याओं के कारण ही उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय भवन में बैठाया जा रहा है। यदि बारिश होती है तो उस प्राथमिक विद्यालय भवन में भी जल भराव हो जाता है।

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बिजली कनेक्शन नहीं

शिक्षकों ने बताया कि, विद्यालय में वायरिग है लेकिन, बिजली कनेक्शन नहीं है। ये वायरिग भी अब जर्जर हो गई है। स्कूल में कनेक्शन नहीं होने से बल्ब भी नहीं लग पा रहा है और शाम होते ही अंधेरा हो जाता है।

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में जलभराव को समाप्त करने को 14 लाख रुपये का बजट पास हुआ है। दोनों विद्यालयों में जल्द ही 567 मीटर इंटरलॉकिग कराई जाएगी। गेट भी लगेगा और बाउंड्री भी बनेगी।

- दिनेश कुमार, अधिशासी अधिकारी-महोली


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