उठ जा नहीं तो मार खाएगा..
सीतापुर: वे अभय, शिवम व नितीश ही तो थे। एक ही कक्षा में पढ़ना, सुबह होते ही एक दूसरे क
सीतापुर: वे अभय, शिवम व नितीश ही तो थे। एक ही कक्षा में पढ़ना, सुबह होते ही एक दूसरे को कॉल करना और फिर घर से निकल लेना। कुछ ऐसी दिनचर्या थी तीनों की। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी ये तीनों दोस्त अंतिम सफर पर भी साथ निकलेंगे लेकिन गुरुवार को जो कुछ भी हुआ, उससे तीन परिवारों पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा।
रधिकापुरी हाता कप्तान हबीबपुर निवासी पप्पू दीक्षित का पुत्र अभय दीक्षित, रोटी गोदाम निवासी स्वर्गीय रामकुमार का पुत्र नितीश यादव व आशीष मिश्रा का पुत्र शिवम मिश्रा अपने घरों से बहाना बनाकर निकले थे। और निकल लिए नैमिषारण्य के सफर पर। बाइक पर सफर करते समय इन तीनों दोस्तों को नहीं मालूम था कि यह अंतिम सफर है। तीनों को जाना तो नैमिष था, लेकिन बीच रास्ते में वे बाइक मोड़कर मिश्रिख दधीचि कुंड तीर्थ पर पहुंच गए। वहां नहाने में तीनों की डूबकर मौत हो गई, शव निकाले गए, तब भी तीनों पास- पास ही रखे हुए थे। कभी एक दूसरे से अठखेलियां करने वाले तीनों दोस्त आज बिल्कुल शांत पड़े थे। परिवारीजन विलाप कर कह रहे थे, उठ जा नहीं तो मार खाएगा। कोई शिवम को सीने से लगाकर रो रहा था, तो कोई नितेश व अभय को। तीर्थ से लेकर मिश्रिख कोतवाली तक चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गई।
बुझ गया घर का इकलौता चिराग रोटी गोदाम निवासी नीतू यादव की तो मानो किस्मत ही रूठ गई। उसके एक वर्ष पूर्व उसके घर में खुशियां चहकती थीं। पति रामकुमार के अलावा पुत्र नितीश यादव व पुत्री अंजली थी। करीब एक वर्ष पूर्व रामकुमार परिवार की जिम्मेदारी नीतू यादव के कंधे पर छोड़ दुनिया से रुखसत हो लिए। ऐसे में नितीश ही था, जिसमें मां नीूतू यादव को उम्मीद की किरण नजर आ रही थी। नितीश इकलौता पुत्र था, इस वजह से नीतू अपने पति के गम को भूलकर पुत्र से ही सहारे की उम्मीद रखने लगी। गुरुवार को घर का इकलौता चिराग बुझ गया।