डर ने थामे हादसे, जिदगी की फिक्र खुद भी करिए
जिले में नए मोटर व्हीकल एक्ट प्रभावी होने के बाद सड़क हादसों में आई कमी
सीतापुर : आपकी जिदगी बहुमूल्य है, परिवार के सदस्य आपके घर लौटने का इंतजार करते हैं। थोड़ा समझिए..यातायात नियम मत तोड़िए। ताकि आप अनहोनी से बचे रहें। इसीलिए जिम्मेदार नए मोटर व्हीकल एक्ट के अनुपालन में सख्ती बरत रहे हैं। वैसे नए कानून का अनुपालन कराने में वाहन चालान के आंकड़ों में काफी इजाफा हुआ है। असर ये भी है कि हादसों में काफी कमी भी आई है। देखा जा रहा है कि नए कानून को तोड़ने वाले वाहन चालकों का अभाव नहीं है, पर उसी हिसाब में जिम्मेदार भी पेश आ रहे हैं। बाइकों पर दो या तीन लोग सवारी करने वालों पर शिकंजा कसा है। पुलिस ने लॉकडाउन अवधि में ही करीब 14 हजार बाइकों के चालान तो 1200 वाहन सीज भी किए हैं। कृपया धीरे चलिए..दुर्घटना बाहुल्य है रामकोट
तुलनात्मक आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में सर्वाधिक सड़क हादसे रामकोट थाना क्षेत्र में हुए हैं। वर्ष के शुरूआती पांच महीने में पिछले साल यहां 35 और चालू वर्ष में 23 हादसे हुए हैं। इसमें इस साल 15 और पिछले साल 16 जानें गईं। सबसे कम हादसों वाला क्षेत्र सकरन रहा है। सकरन में इस साल सिर्फ एक हादसा हुआ। उसमें दो की मौत हुई। पिछले साल पांच हादसे हुए, इसमें कुल पांच की मौतें हुईं थीं।
नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद चालान
नए मोटर व्हीकल एक्ट का असर ये है कि, चालू वर्ष में अभी तक कुल 17,470 वाहन चालान हुए हैं। इनसे 84.81 लाख रुपये जुर्माना राशि वसूल हुई है। इसमें पुलिस स्तर से हुए चालान भी शामिल हैं। पिछले वर्ष शुरुआत के पांच महीनों में कुल 4784 वाहनों के चालान हुए थे। इनसे कुल 1.12 करोड़ रुपये समन शुल्क वसूल हुआ था। एक जनवरी से मई तक हादसों का आंकड़ा मार्ग दुर्घटनाएं
265 दुर्घटनाएं वर्ष 2020 में हुई हैं।
389 दुर्घटनाएं वर्ष 2019 में हुई हैं। दुर्घटनाओं में हुई अनहोनी
148 की मौत वर्ष 2020 में हुई हैं।
207 की मौत वर्ष 2019 में हुई हैं। हादसों में घायल
151 लोग वर्ष 2020 में घायल हुए।
301 लोग वर्ष 2019 में घायल हुए थे। आपकी जिदगी अनमोल है..
आमजन में नए मोटर व्हीकल एक्ट की जागरूकता के संबंध में स्कूल-स्कूल, चौराहों-तिराहों पर कार्यक्रम किए गए हैं। इसका असर भी जनता में है। अधिकांश लोग कानून मानते हैं, पर निवेदन उनसे भी है जो जल्दबाजी में यातायात नियम तोड़ते हैं। कृपया ऐसा न करें, आपकी जिदगी अनमोल है।
- डॉ. उदित नारायण पांडेय, एआरटीओ-प्रवर्तन