सड़कें बनी काल, जिदगी बेहाल
सीतापुर : लोगों का सफर आसान हो सके, लोग जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। इसी मंशा को लेकर सड़
सीतापुर : लोगों का सफर आसान हो सके, लोग जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। इसी मंशा को लेकर सड़कों का निर्माण किया गया है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी व वाहन चालकों की लापरवाही इन दिनों मुसीबत बनी हुई है। हालत यह है कि जिले की सड़कें इन दिनों सफर के लिए कम हादसों के लिए अधिक जानी जाने लगी हैं।
घर से निकल कर सड़क पर आते ही लोगों को डर सताने लगा है कि न जाने कहां पर मौत मुंह बाए खड़ी हो। लोगों का डर यूं ही नहीं है। बल्कि दिन ब दिन हादसों व मौतों का आंकड़ा इस कदर बढ़ता जा रहा है, कि लोग सोंचने को मजबूर हो गए हैं। बीते एक सप्ताह की बात करें तो 8 दिनों में 28 लोगों की जान सड़क हादसों में गई हैं। यानी हर दिन तीन लोगों की जान सड़क हादसे की वजह से ही जा रही है। जबकि घायलों का आंकड़ा इससे भी भयावह है। हादसों पर नजर
1 मार्च 4 लोगों की मौत
2 मार्च 1 मौत
3 मार्च 2 मौत
4 मार्च 0
5 मार्च 7 मौत
6 मार्च 4 मौत
7 मार्च 2 मौत
8 मार्च 8 मौत प्रमुख हादसे
केस:एक- 5 मार्च को 24 घंटों में अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में सात लोगों की जान चली गई। इनमें महोली में हुए हादसे में शंकर व उसके भतीजी रूबी की जान चली गई केस: दो- 6 मार्च को रेउसा, रामपुर कलां व रामकोट क्षेत्रों में सड़क हादसे हुए। इनमें चार लोगों की जान चली गई। केस: तीन- 8 मार्च को हरगांव के परसेहरा माल के निकट कार पलटी। हरगांव के बेनीपुर राजा निवासी जगन्नाथ के परिवार के 5 सदस्यों की उसी दिन मौत। श्यामू नाम के बालक ने दो दिन बाद दम तोड़ा। कुल छह लोगों की जान गई। यातायात का पालन कराया जाएगा
यह सच है कि हादसों का ग्राफ बढ़ा है। अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों का पालन न करने की वजह से हो रहे हैं। इसके अलावा अन्य कारणों को भी दिखवाया जाएगा। लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
एलआर कुमार, एसपी