पॉकेट जला रही अरहर और उड़द दाल
इन दिनों की महंगाई की मार से आम आदमी दबा हुआ है। इसका सीधा असर उसके पॉकेट पर पड़ रहा है।
सीतापुर : इन दिनों की महंगाई की मार से आम आदमी दबा हुआ है। इसका सीधा असर उसके पॉकेट पर पड़ रहा है। महंगाई की वजह से रसोईघरों का बजट गड़बड़ाया हुआ है। दरअसल, जब आपके सामने खाने की थाली आती है और उसमें दाल न हो या फिर गाढ़ी न हो तो जायका खराब होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही हाल इस समय चल रहा है। महंगाई का असर आपकी जेब से लेकर रसोईघरों और थाली तक दिखाई दे रहा है। पिछले 20 दिन पूर्व खुदरा बाजार में जो दालें 65 से 70 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही थी, वह अब 90 से 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। 20 दिनों के भीतर एक किलो दाल पर अचानक 25 से 30 रुपए बढ़ने से आम आदमी कराह उठा है। महंगाई के बोझ तले वह दब गया है। दालों में महंगाई की आग लगने से रसोईघरों में भी महंगाई का ही तड़का लग रहा है। आसमान छूते दालों के भाव के पीछे दुकानदार अशोक का कहना है कि दालें गैर राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक से आती है, इस वजह से महंगी हो गई है। दालों के भाव अभी और उछाल मार सकते हैं। बारिश के मौसम में स्टाक नहीं लग पाता है, इस वजह से भी दालें महंगी हो जाती है। जिले में अरहर, उड़द की खेती करने वाले किसानों की संख्या भी बहुत कम है। यहां अधिकतर लोग गन्ना, गेहूं, धान की फसल तैयार करते हैं। जिले में दालों की पैदावार न होना भी महंगाई की एक वजह मानी जाती है। अब महंगाई के ऐसे दौर में आम आदमी को ही पिसना पड़ रहा है। दालों के भाव
दालें भाव
अरहर 80 से 115
उड़द 70 से 100
चना 55 से 60
मूंग 85 से 90
मटर 55 से 60
मसूर 70 से 75
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