आत्मशुद्धि का पर्यूषण पर्व आज से
महमूदाबाद (सीतापुर) : पुण्य के पोषण और आत्मशुद्धि के पर्यूषण पर्व पर दिगंबर जैन समाज शुक्रवार से जप-
महमूदाबाद (सीतापुर) : पुण्य के पोषण और आत्मशुद्धि के पर्यूषण पर्व पर दिगंबर जैन समाज शुक्रवार से जप-तप, साधना- आराधना, संयम और उपासना करेगा। पर्यूषण पर्व में कोशिश होती है कि जैन कहलाने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को इतना तराश ले कि वर्षभर जो भी ज्ञात-अज्ञात त्रुटियां हों उनसे क्षमा मिल जाए। महमूदाबाद के जैन मंदिर में बने जिनालयों में आस्था का गहरा इतिहास है। दिगंबर जैन मंदिर की स्थापना 200 वर्ष पूर्व छोटे से कच्चे मंदिर के रूप में हुई थी। उस समय पूरे जनपद का यह पहला मंदिर था। 1998 में ऐलक 105 विज्ञान सागर महाराज ने मंदिर को नया स्वरूप प्रदान किया। मंदिर सभागार में भक्तामर से जुड़े ²श्य इसको अध्यात्म से जोड़ते हैं। ऐतिहासिक नंदीश्वर जिनालय पूरे उत्तर भारत का इकलौता मंदिर है जो कि यहां स्थापित है। मंदिर की परिक्रमा मार्ग में तीर्थंकरों के जीवन से जुड़े प्रसंग उकेरे गए हैं। दशलक्षण (पर्यूषण) के दसों दिन यहां भक्तों का मेला रहता है। छोटे बच्चे भी दस दिना ं तक निर्जलाव्रत रहकर उपासना करते हैं। ये हैं दस धर्म
जैन धर्म में दस धर्माें का वर्णन है। उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिचन्य, उत्तम ब्रम्हचर्य शामिल हैं। पर्व के अंतिम दिन जैन धर्म क्षमापर्व का आयोजन करता है। यह पर्व जैन धर्म का महापर्व है, इसमें दस पर्वाें का जिक्र गया है। यह पर्व आत्मा की शुद्धि का पर्व है।
माला जैन दशलक्षण पर्व पर सभी जैन धर्मावलंबी पूरी तन्मयता से जिनेंद्र देव की पूजा कर नेक मार्ग पर चलते हैं।
अनीता जैन दशलक्षण के दस दिन तक हम सभी लोग उपासना और व्रत आदि कर्म करते हैं। कुछ लोग निर्जलाव्रत रखते हैं।
शिवी जैन यह पर्व सभी में क्षमाभाव जगाने का काम करता है। क्षमा महावीर का संदेश है, इसे लोग आत्मसात करते हैं।
कोमल चंद्र जैन