90 हजार के गुब्बारे ने निकाली स्वच्छ सर्वेक्षण की हवा
सीतापुर : शहरी निकाय के सभी 30 वार्ड भले ही गंदगी से पटे हों, पर नगर पालिका ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2019
सीतापुर : शहरी निकाय के सभी 30 वार्ड भले ही गंदगी से पटे हों, पर नगर पालिका ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के नाम पर दो गुब्बारे हवा में लटका दिए हैं। शहरवासियों को ये जानकर हैरत होगी कि, ये गुब्बारे भी कोई मामूली नहीं हैं पालिका ने कुल 90 हजार रुपये खर्च कर इन्हें राजधानी से मंगाया है। 45 हजार रुपये की दर से खरीदे गए इन दोनों गुब्बारों में से कोट चौराहे पर लगे एक गुब्बारे की हवा भी निकल चुकी है, उसे पंचर हो जाना बताया जा रहा है। कहने का आशय ये है कि गुब्बारे जैसे गुब्बारे नहीं, खर्चा 90,000 रुपये का। इतने महंगे गुब्बारे जो हवा में 15 दिन भी नहीं टिक पाए।
पीले रंग के ये गुब्बारे पालिका के अभिलेखों में स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के नाम पर रिकॉर्ड किए गए हैं। अभिलेखों में इन गुब्बारों का व्यास 12 फिट से 14 फिट तक होना बताया गया है। खबर है गुब्बारों की खरीद में आने वाला खर्च स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के प्रचार-प्रसार मद से उठाया गया है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीत कुमार यादव का कहना है कि ये गुब्बारे कहां से आए, कितनी लागत में आए हैं ये सब उन्हें नहीं मालूम है। शहरी क्षेत्र में लगाए गए दो गुब्बारों में एक नगर पालिका कार्यालय परिसर में और दूसरा कोट चौराहे पर टांगा गया है। इसमें कोट चौराहे पर टांगे गए गुब्बारे की हवा निकल गई है या पंचर हो गया है। फिलहाल कुछ भी हो, इन गुब्बारों की कीमत और उनकी उपयोगिता पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं। खबर है कि ऐसे ही बिसवां, खैराबाद सहित अन्य नगर पालिका व नगर पंचायतों में भी कीमती गुब्बारे टांगे गए हैं, जो निकाय में स्वच्छता का हवाई प्रचार कर रहे हैं। नगर पालिका क्षेत्र में दो-दो और नगर पंचायतों में एक-एक गुब्बारा हवा में उड़ रहा है।
शहरी क्षेत्र में स्वच्छ सर्वेक्षण के प्रचार के लिए दो गुब्बारे टांगे गए हैं। कोट चौराहे पर लगा गुब्बारा पंचर हो गया है यह मुझे मालूम नहीं है, पर एक गुब्बारे की कीमत 45 हजार रुपये है।
- सुरेंद्र प्रताप, अधिशासी अधिकारी सभी निकायों में स्वच्छ सर्वेक्षण के प्रचार-प्रसार के लिए गुब्बारे टंगवाए गए हैं, ये कीमती इसलिए हैं कि इनमें गैस भराने आदि सभी जिम्मेदारी संबंधित सप्लायर की है। अब कम से कम महीने भर ये टंगे रहेंगे।
- प्रेम प्रकाश उपाध्याय, प्रभारी अधिकारी-स्थानीय निकाय