पौधों के धार्मिक महत्व को बताती 'नवग्रह वाटिका'
वाटिका में नौ ग्रहों के अनुसार लगाए गए हैं नौ पौधे
सीतापुर : किस ग्रह के लिए कौन सा पौधा शुभ है। कौन से ग्रह को शांत करने के लिए किस पौधे की लकड़ी और पत्तों का प्रयोग किया जाता है। ये जानकारी देती है नवग्रह वाटिका। नवग्रह वाटिका में ग्रहों के अनुसार पौधे लगाए गए हैं। इस वाटिका से शुक्र, केतु, सूर्य और बृहस्पति ग्रह के लिए कौन सा पौधा है ये जानकारी मिलती है। पौधों के धार्मिक महत्व को बताने वाली ये नवग्रह वाटिका मिश्रिख के चंद्रावल वन रेंज में बनी है।
वाटिका में नौ ग्रह के अनुसार नौ पौधे लगे हैं। फारेस्टर एसएन शुक्ला का कहना है कि, नवग्रह वाटिका में लगे पौधे हमारे लिए बहुत ही उपयोगी हैं। सभी ग्रहों के अनुसार एक-एक पौधा है। इन पौधों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। अधिकांश पौधों का उपयोग हवन-पूजन के दौरान भी किया जाता है।
केतु का कुश और शनि ग्रह के लिए शमी का पौधा
नवग्रहों में शामिल केतु के लिए कुश का पौधा होता है। शनि ग्रह के लिए शमी पौधा काम में लाया जाता है। ग्रहों की शांति के लिए इन पौधों की लकड़ी व पत्तियों का प्रयोग होता है। इसी तरह सूर्य के लिए ऑक, मंगल के लिए खैर का पौधा नवग्रह वाटिका में लगाया गया है।
क्या है इन पौधों का महत्व
कुश : इस पौधे से बने छल्ले को हवन-पूजन के दौरान ऊंगली में पहना जाता है। कुश के आसन का प्रयोग भी होता है।
शमी : शमी वृक्ष पर जल चढ़ाने से शनि ग्रह की शांति होती है। इसकी पत्तियों भगवान शिव पर भी चढ़ाया जाता है।
दूब : इसका उपयोग प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
खैर : इस पौधे को आराध्य माना जाता है। इसकी छाल को घिसकर बनाए गए लेप को पूजन में प्रयोग किया जाता है।
ढाक : हवन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में इसके पत्तों और लकड़ी का उपयोग होता है।
पीपल : पीपल की पूजा की जाती है।
लटजीरा : हवन में इसकी लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। बुध ग्रह की शांति के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
ऑक : ऑक को मदार भी कहा जाता है। पूजन कार्यक्रम में इसका उपयोग किया जाता है।
गूलर : इसकी लकड़ी का उपयोग शुक्र ग्रह की पूजा में किया जाता है।