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माइनरों में आए पानी तो पूरा हो ¨सचाई का ख्वाब

सीतापुर : किसानों की सुविधा के लिए बनी नहरें, माइनरों का हाल बहुत खराब है। यहां से नि

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:41 PM (IST)
माइनरों में आए पानी तो पूरा हो ¨सचाई का ख्वाब
माइनरों में आए पानी तो पूरा हो ¨सचाई का ख्वाब

सीतापुर : किसानों की सुविधा के लिए बनी नहरें, माइनरों का हाल बहुत खराब है। यहां से निकली लहरपुर माइनर, तेंदुआ माइनर शो पीस बना हुआ है। जब किसानों को खेतों की ¨सचाई के लिए पानी की जरूरत होती है तब यह सूखी रहती हैं। जब जरूरत नहीं होती तब पानी छोड़ा जाता है। जंगल, झाड़ियों से पटी माइनरों को देखकर किसानों को रोना आ रहा है। लेकिन मायूस किसान आखिर करें क्या। परिस्थतियों के समझौता करने के अलावा कोई विकल्प नहीं। किसानों ने सरकारी साधनों का सहारा ही छोड़ दिया है। निजी व किराये के साधनों से किसी तरह फसलों का उत्पादन करते हैं। खीरी शाखा से निकली इन माइनरों किनारे सुल्तानपुर, फेनवा, नेवादा, गनेशपुर, करस्यौरा, दोस्तपुर टकेला, बसैहा, गुलरीपुरवा, रघुनाथपुर, तारनपुर, शेखूपुर सहित दर्जनों गांवों के हजारों किसानों की खेती है। इन खेतों की फसलों को कभी समय पर पानी नहीं मिल पाया। दारानगर मानइर लक्षनगर, मातनपुरवा, फरीदपुर कुटी, दारानगर, गोपालपुर व अकबरपुर होकर निकली है। बांका नगर माइनर किनारे दोस्तपुर, शरीकपुर, कसमंडा, न्यामूपुर, बांकानगर गांव हैं। लेकिन लोगों को कभी ¨सचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता।

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